उत्तराखंड

सौ से ज्यादा मज़दूरों ने इकट्ठे हो कर आवाज़ उठाई कि राज्य सरकार का मलिन बस्ती वाला अध्यादेश नाकाफी।

सौ से ज्यादा मज़दूरों ने इकट्ठे हो कर आवाज़ उठाई कि राज्य सरकार का मलिन बस्ती वाला अध्यादेश नाकाफी।

सौ से ज्यादा मज़दूरों ने इकट्ठे हो कर आवाज़ उठाई कि राज्य सरकार का मलिन बस्ती वाला अध्यादेश नाकाफी।

उत्तराखंड (देहरादून) सोमवार, 18 नवम्बर 2024

देहरादून के कैनाल रोड पर आयोजित जनसभा में सौ से ज्यादा मज़दूर इकट्ठे हो कर आवाज़ उठाई कि राज्य सरकार का मलिन बस्ती वाला अध्यादेश नाकाफी है, और इससे जनता के मन में शक आने लग गया है कि सरकार आने वाले दिनों में फिर उजाड़ने की तैयारी कर रही है। जब सरकार को पता है कि उन्ही की नीतियों की वजह से मज़दूरों और गरीबों किसी भी नियमित कॉलोनी में किराय पर भी घर नहीं मिलेगा, बार बार उनको उजाड़ना अत्याचार है। अध्यादेश सिर्फ विधान सभा सत्र तक वैध होगा। विधान सभा सत्र में इसे अधिनियम क्यों नहीं बनाया गया? अगर लोगों को नहीं हटाना है, तो लोगों को पट्टा या घर क्यों नहीं मिला है? बेज़रूरत और विनाशकारी “एलिवेटेड रोड” प्रोजेक्ट रद्द क्यों नहीं? गरीबों के लिए व्यवस्था क्या होगा, इसपर सरकार क्यों चुप है? नगरपालिका चुनाव के बाद क्या सरकार फिर उजाड़ने की कोशिश करेगी? इन सारे बातों पर चर्चा कर प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे सरकार और नेताओं के सामने इन सवालों को उठाते रहेंगे, आवाज उठाने रहेंगे, और जनता को जागरूक करते रहेंगे ताकि सरकार अपने ही वादों को पूरा करे।

सभा में चेतना आंदोलन के सुनीता देवी, शंकर गोपाल, विनोद बडोनी, रमन पंडित, हीरालाल, नरेश कुमार, घनश्याम के साथ अन्य संगठनों के प्रतिनिधि और बस्ती के निवासी मौजूद रहे।

Team UK News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button