उत्तराखंड

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा मनरेगा की हत्या, SIR के ज़रिए वोट चोरी और नेशनल हेराल्ड में राजनीतिक बदले की साज़िश पूरी तरह बेनकाब।

मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि गरीबों का संवैधानिक अधिकार ::::: पूर्व प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा मनरेगा की हत्या, SIR के ज़रिए वोट चोरी और नेशनल हेराल्ड में राजनीतिक बदले की साज़िश पूरी तरह बेनकाब।

उत्तराखंड (देहरादून) शुक्रवार, 19 दिसंबर 2025

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य श्री करन माहरा ने उत्तरांचल प्रेस क्लब, देहरादून में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि मोदी सरकार देश में लोकतंत्र, संविधान और गरीबों के अधिकारों पर एक के बाद एक संगठित हमले कर रही है। मनरेगा को कमजोर करना, SIR के नाम पर वोट चोरी और नेशनल हेराल्ड मामले में विपक्ष को फंसाने की साज़िश इसी तानाशाही सोच का हिस्सा है।

श्री माहरा ने कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि गरीबों का संवैधानिक अधिकार है, जिसे मोदी सरकार ने तथाकथित सुधार के नाम पर खत्म करने की दिशा में धकेल दिया है। बजट में कटौती, फंड रोकना, जॉब कार्ड हटाना और आधार आधारित भुगतान की बाध्यता लगाकर करोड़ों मजदूरों को जानबूझकर बाहर किया गया। आज 100 दिन की रोजगार गारंटी सिमटकर 50–55 दिन रह गई है। यह गरीबों से काम का अधिकार छीनने की साज़िश है।

उन्होंने कहा कि SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) के ज़रिए चुनावी लोकतंत्र पर सीधा हमला किया जा रहा है। गरीब, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, प्रवासी मजदूर और युवाओं के नाम चुनिंदा तरीके से वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं। चुनाव से ठीक पहले वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ “सुधार” नहीं बल्कि वोट चोरी है। चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े हो चुके हैं।

नेशनल हेराल्ड मामले में अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए श्री माहरा ने कहा कि यह फैसला मोदी–शाह की बदले की राजनीति की करारी हार है। अदालत ने साफ कर दिया कि इस मामले में कोई मूल अपराध नहीं था। इसके बावजूद सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी को वर्षों तक परेशान किया गया। ED, CBI और आयकर विभाग को विपक्ष को डराने के औज़ार की तरह इस्तेमाल किया गया।

श्री माहरा ने कहा कि जब-जब भाजपा सरकार जनता के सवालों से घिरती है, तब-तब वह जांच एजेंसियों का दुरुपयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का रास्ता अपनाती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं है।

उन्होंने दो टूक कहा कि कांग्रेस पार्टी मनरेगा, वोट के अधिकार, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए सड़कों से संसद तक निर्णायक संघर्ष जारी रखेगी।

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