मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया की जंगलों की आग पर जल्दी की काबू पा लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया की जंगलों की आग पर जल्दी की काबू पा लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया की जंगलों की आग पर जल्दी की काबू पा लिया जायेगा।
उत्तराखंड देहरादून) शनिवार, 27 अप्रैल 2024
उत्तराखंड में जंगलों की आग ने विकराल रूप ले लिया है। एक नवंबर से वन विभाग आग की घटनाओं की निगरानी में जुटा था। 31 मार्च तक स्थिति नियंत्रण में थी, मगर अप्रैल का महीना शुरू होते ही घटनाएं बढ़ती चली गईं। अब तक 689.89 हेक्टेयर जंगल आग की लपटों की भेंट चढ़ चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी वनाग्नि की घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं। आज (शनिवार) को वह हल्द्वानी में अधिकारियों के साथ वनाग्नि से संबंधित विषयों पर समीक्षा बैठक करेंगे।
उन्होंने कहा कि ‘ प्रदेश में हो रही वनाग्नि की घटनाओं पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। सेना से भी इस संबंध में सहायता ली जा रही है और हेलीकॉप्टर के माध्यम से आग बुझाने का कार्य किया जा रहा है। आज हल्द्वानी में अधिकारियों के साथ भी वनाग्नि से संबंधित विषयों पर समीक्षा बैठक करूंगा।’ लैंसडौन में दुगड्ड़ा प्रखंड की मटियाली रेंज में फैली आग क्षेत्र के एक होटल तक पहुंच गई। आग के कारण होटल की पेयजल व विद्युत लाइन समेत बाहरी क्षेत्र में रखे सामान को नुकसान पहुंचा है।
वन विभाग ने होटल कर्मियों की मदद से आग पर काबू पाया। जंगलों में फैली आग काबू होने का नाम नहीं ले रही है। दुगड्डा प्रखंड के मटियाली क्षेत्र में भी आग का भयावह रूप देखने को मिला। इस क्षेत्र के उमरैला, चरेख, मोलीगांव समेत मटगांव में भीषण आग फैल गई। कल शुक्रवार दोपहर में लगी आग दुगड्डा-ऐता-उमरैला-चरेख मोटर मार्ग पर स्थित जसगर होटल तक जा पहुंची। आग के कारण होटल की पेयजल लाइन समेत तमाम बिजली की तारें जल गई।
होटल के बाहर रखे सामान को भी नुकसान पहुंचने की सूचना है। वन क्षेत्राधिकारी वीडी जोशी ने बताया कि दुगड्डा प्रखंड के जसगर होटल के क्षेत्र में लगी आग पर काबू पा लिया गया है। जबकि उमरैला क्षेत्र में आग बुझाने के बाद तेज हवा के कारण फिर से फैल गई। मटियाली के ही कोली गांव समेत अन्य क्षेत्रों में भी आग फैलने की सूचना है। हालांकि, वन विभाग की माने तो उमरैला को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में फैली आग पर काबू पा लिया गया है। वन विभाग ने वन कर्मियों को उमरैला में ही रहने के निर्देश दिए हैं।