चुक्खूवाला स्थित गुरुद्वारा में गोबिंद सिंह जी के चार सहिब जादौ का शहीदी पर्व पर समागम आयोजित किया।
चुक्खूवाला स्थित गुरुद्वारा में गोबिंद सिंह जी के चार सहिब जादौ का शहीदी पर्व पर समागम आयोजित किया।

चुक्खूवाला स्थित गुरुद्वारा में गोबिंद सिंह जी के चार सहिब जादौ का शहीदी पर्व पर समागम आयोजित किया।
उत्तराखंड (देहरादून) रविवार, 29 दिसम्बर 2024
आज चुक्खूवाला गुरुद्वारा बाबा फ़तहे सिंह में दशम गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी के चार सहिब जादौ का शहीदी पर्व पर विशेष समागम आयोजित किया गया जिसमें सुबह 8:30 से 9:00 बजे तक सर्वप्रथम श्री अखण्ड सहिब के पाठ के भोग डालें गये।
इसके रागी जथे द्वारा ऐसी मरनी जो मरे भोर ना मरना होये व जिस दा सहिब दादा होये, तिस नू मार ना सके कोये व इन पुत्तरन के सीस पर, मार दिये सुत चार, चार मुये तो क्या हुआ जीवत कई हजार व सूरा सो पहचानिए, जो लड़े दीन के हेत, पुर्जा पुर्जा कट मरे, कबहु ना छादे खेत व उन्हा नू सब जगत करें नमस्कार,ऊनाके मुख सद उजले व हाल मुरीदा दा कहना, मित्र पायरे नू, तुध बिन रोग राजिया दा रोगन, नाग निवासा दा रहना व जै कार कियों धार्मिया का, पापी को दंड दियो है व जातो प्रेम खेलन का चाव, सिर धर तली गली मोरी आयो, इ त मार्ग पैर धरिजे व देश वाह वर मोहिए, शुभ कर्मन ते कबहु ना डरु, कि गुरबाणी द्वारा भाई सहिब भाई दलजीत सिंह नाद ने संगत को गुरबाणी कि अमृत वर्षा से निहाल कर दिया वहीँ दरबार सहिब अमृतसर से भाई सिमरन जीत सिंह, भाई कुलदीप सिंह द्वारा कबीर मोहये मरने का चाव है, मरो तो हर के द्वार व धन जन्म प्रणाम, सफलयो सतगुरु सेवयाँ, धन जन्म प्रणाम कि गुरबाणी कि अमृतवर्षा से संगत निहाल हो गईं इसके उपरान्त आनंद सहिब का पाठ, अरदास व हुकमनामा लिया गया इसके उपरान्त संगत ने गुरु का लंगर छका।
इस अवसर पर डॉ मनमोहन सिंह जसल, जास्किरत सिंह, गुरदीप सिंह, रोहित कुकरेजा, सचिन सोंधी, हरीश नारंग, नानक चंद नारंग, मंजीत सिंह, कुलदीप सिंह ललकार, हरचरण सिंह आदि मौजूद रहे।