जलियांवाला बाग हत्याकांड की 106वीं वर्षगांठ पर शहीदों के परिवारों का दर्द उभर आया, केंद्र सरकार को जलियांवाला बाग शहीदों को नमन करने के लिए भव्य आयोजन करना चाहिए।
जलियांवाला बाग हत्याकांड की 106वीं वर्षगांठ पर शहीदों के परिवारों का दर्द उभर आया, केंद्र सरकार को जलियांवाला बाग शहीदों को नमन करने के लिए भव्य आयोजन करना चाहिए।

जलियांवाला बाग हत्याकांड की 106वीं वर्षगांठ पर शहीदों के परिवारों का दर्द उभर आया, केंद्र सरकार को जलियांवाला बाग शहीदों को नमन करने के लिए भव्य आयोजन करना चाहिए।
उत्तराखंड (रुड़की) सोमवार, 14 अप्रैल 2025
अमृतसर के जलियांवाला बाग हत्याकांड की 106वीं वर्षगांठ पर एक बार फिर शहीदों के परिवारों का दर्द उभर आया । स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण महापरिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीगोपाल नारसन का कहना है कि केंद्र सरकार को जलियांवाला बाग शहीदों को नमन करने के लिए भव्य आयोजन करना चाहिए था लेकिन ऐसा नही हुआ और स्वतंत्रता सेनानी परिवार से जुड़े लोगों को इसके लिए स्वयं ही सड़को पर आना पड़ा।कभी अंग्रेज हुकूमत की गोलियां झेलने वाले रणबांकुरों के वंशजों की सुध लेने की फुर्सत भी सरकार को नही है।तभी तो आजादी के शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों के वारिसों को न तो कोई पहचान मिल अभी तक मिल पाई और न ही उनको स्वाधीनता सेनानी परिवार का दर्जा दिया गया। जलियांवाला बाग में कितने लोग शहीद हुए, उनका भी सही डाटा सरकार उपलब्ध नहीं करा सकी है। अपनों को खोने के बाद पीढि़यों तक गुरबत का दंश झेलने वाले परिवार के लोग आज भी खिन्न मन से संघर्ष करने को मजबूर है कि शायद उनकी कभी सुनवाई हो पाएगी।अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण महा परिषद ने बैशाखी पर जलियांवाला बाग के अमर शहीदों को अपनी ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
महापरिषद द्वारा आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में पंजाब प्रांत के सभी जिलों के प्रतिनिधि एवं महापरिषदके राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी एवं राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य उपस्थित रहें, विधिवत सुबह 7:00 बजे जलियांवाला बाग में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमे आमजन के प्रति राष्ट्र भावना जागृत करने व स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के उत्थान को लेकर चर्चा की गई। अमृतसर मे इस आयोजन के व्यवस्थापक महा परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह पाल, कुलवंत सिंह आदि के साथ इस कार्यक्रम में देश के 22 राज्यों से महापरिषद के 80 की संख्या में सदस्य शामिल हुए।साथ ही पंजाब राज्य से लगभग सैकड़ों की संख्या में प्रतिनिधि उपस्थित रहें। महापरिषद ने अपनी पांचवी कार्यकारिणी की बैठक भी अमृतसर में ही संपादित की,जिसकी अध्यक्षता स्वतंत्रता सेनानी अनूप सिंह द्वारा की गई,जबकि संचालन महापरिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने किया।महापरिषद के महासचिव कुमार पटेल,राष्ट्रीय समन्वयक हरिराम गुप्ता, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अवधेश पंत, अजय सितलानी, मुकेश मार्केट व महावीर डाका ने महापरिषद द्वारा पटना में दो राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, उत्तर प्रदेश के बनारस में तथा झारखंड राज्य के रांची में चौथी कार्यकारिणी की बैठक को बड़ी उपलब्धियां बताते हुए सरकार की स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के प्रतिउपेक्षा पर आक्रोश व्यक्त किया।बैठक में देशभर के 2 करोड़ सेनानी परिवारों के हितों को लेकर चर्चा की गई और संगठन के 9 सूत्रीय एजेंडे को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया।इससे पूर्व अमृतसर के आम्बेडकर चौक से जलियांवाला बाग तक स्वतंत्रता सेनानी परिजनों ने मार्च भी निकाला और फिर शाम के समय अटारी-बाघा बॉर्डर की बीएसएफ जवानों की रिट्रीट में विशेष मेहमान के रूप में भागीदारी कर बीएसएफ के जवानों में राष्ट्रभक्ति का जज्बा भरा और उन्हें प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर सरदार जतन सिंह,नवीन शरण,संजय चौबे,विकास जोशी,अरविंद गुप्ता,जसवीर फुल्लर,हरेन्द्रपाल सिंह ,सूबेदार विजेंदर सिंह ठाकुर ,अजित पाठक ,श्रीमती सजेश,ममता आदि की मौजूदगी रही।