राष्ट्रवादी आर. टी. आई एक्टिवस्ट एंड ह्यूमन राईट फेडरेशन भारत के बैनर तले देश के कोने कोने से आये आर. टी. आई एक्टिवस्ट ने सूचना आयोग आयुक्त,मुख्य सचिव उत्तराखंड व माननीय राज्यपाल महोदय से मुलाक़ात कि।
राष्ट्रवादी आर. टी. आई एक्टिवस्ट एंड ह्यूमन राईट फेडरेशन भारत के बैनर तले देश के कोने कोने से आये आर. टी. आई एक्टिवस्ट ने सूचना आयोग आयुक्त,मुख्य सचिव उत्तराखंड व माननीय राज्यपाल महोदय से मुलाक़ात कि।
राष्ट्रवादी आर. टी. आई एक्टिवस्ट एंड ह्यूमन राईट फेडरेशन भारत के बैनर तले देश के कोने कोने से आये आर. टी. आई एक्टिवस्ट ने सूचना आयोग आयुक्त,मुख्य सचिव उत्तराखंड व माननीय राज्यपाल महोदय से मुलाक़ात कि।
उत्तराखंड (देहरादून) शुक्रवार, 26 जुलाई 2024
आज राष्ट्रवादी आर. टी. आई एक्टिवस्ट एंड ह्यूमन राईट फेडरेशन भारत के बैनर तले देश के कोने कोने से आये आर. टी. आई एक्टिवस्ट ने सूचना आयोग आयुक्त,मुख्य सचिव उत्तराखंड व माननीय राज्यपाल महोदय से मुलाक़ात कर ज्ञापन दिया ।
देश के कोने कोने से आये यह तीसरी न्याय यात्रा थी इसका मुख्य उद्देश्य आर.टी.आई कार्यकर्त्ताओ को सही समय में सूचनाए मुहैया कराई जाए व आर.टी.आई कार्यकर्त्ताओ का उत्पीड़न न हो। सूचना का अधिकार को लागू हुऐ 18 वर्ष से ऊपर हो चुके है परन्तु आज आर.टी.आई कार्यकर्त्ताओ को आर टी आई में सूचना माँगने के लिये पापड़ बालने पर रहें है लोक सूचना अधिकारी समय में सूचना नहीं पहुँचता या भ्रामक सूचना से गुमराह करता है। अपिलार्थी को विवश हो कर फर्स्ट व सेकंड अपील में जाने को मजबूर होना पड़ता है जिसमें समय व धन की अनावश्यक बर्बादी होती है।
आज कल अधिकतर मामलों में ना फर्स्ट अपील में सूचना मिल पा रही है ना सेकंड अपील में और तो और सूचना आयोग ना तो 20/1 में कार्यवाही कर दण्डित कर रहा है ना ही धारा 20/2 में कोहि कार्यवाही कर लोक सूचना अधिकारी की चरित्र पंजिका में कोहि प्रति कूल प्रवीस्टि कर रहा है जिससे लोक सूचना अधिकारी आपने कर्तव्यों का पालन बिना भय पूरा नहीं कर रहें हैं।
वहीँ सूचना ना दिला कर सूचना आयुक्त हर मामले को हाई कोर्ट में संदर्भ कर आम आदमी जो आर.टी.आई का अधिकार आम आदमी को मिला था उससे वंचित कर धारा 21 जीवन के अधिकार व उसके मौलिक अधिकार से वंचित कर आर.टी. आई कार्यकर्त्ताओ को भ्रमित किया जा रहा है। कुछ मामलों में लोक सूचना अधिकारीयों को चेतावनी दें कर छोड़ा जा रहा है। हर कोई इतना सक्षम नहीं जो हाई कोर्ट में लाखों ख़र्च कर सके।
सूचना आयोग का गठन ही आम आदमी को सस्ता न्याय दिला कर अधिकारीयों को जिम्मेदार व जवाबदेह बनाना था परन्तु भ्रस्ट व्यस्था ने इस व्यवस्था में भी सेंध लगा दी है और आर.टी.आई कार्यकर्त्ताओ को सूचना ना दिला कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।
राष्ट्रवादी आर. टी. आई एक्टिवस्ट एंड ह्यूमन राईट फेडरेशन भारत के राष्ट्रीय महासचिव श्री वेद गुप्ता ने कहा कि आर.टी. आई कार्यकर्त्ताओ के मुद्दे को जोरदार तरीके से रखें।
राष्ट्रवादी आर. टी. आई एक्टिवस्ट एंड ह्यूमन राईट फेडरेशन भारत केराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह ललकार ने बताया कि उत्तराखंड में आर.टी.आई कार्यकर्त्ताओ पर कुछ झूठे मामले में फसाया जा रहा है। आर.टी.आई एक्टिविस्टो पर दर्ज सभी मामलों की पारदर्शिता से जांच होनी चाहिए। बिना जांच दोषी बनाये जिला बदर जैसी कार्यवाही नहीं होनी चाहिए।
कुलदीप सिंह ललकार ने बताया कि धारा 5 में हर भारतीय नागरिक सूचना माँग सकता है उसे सूचना से वंचित नहीं किया जा सकता है ये सर्वोच्च न्यालय के निर्देशों का उलघन है।
राष्ट्रवादी आर. टी. आई एक्टिवस्ट एंड ह्यूमन राईट फेडरेशन भारत के प्रदेश अध्यक्ष राकेश भट्ट ने कहा कि जनता को उसके मौलिक अधिकारों के अंतर्गत सूचनाएँ उपलब्ध कराना राज्य सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी एवम जवाबदेही है..
राष्ट्रवादी आर. टी. आई एक्टिवस्ट एंड ह्यूमन राईट फेडरेशन भारत के प्रदेश महासचिव राकेश शर्मा ने न्याय यात्रा का देहरादून पहुंचने पर स्वागत किया। आशा जताई है की अब हालात में कुछ परिवर्तन आये और राज्य की नौकर शाही के कान में कुछ जू रेंगे और आम आदमी के अधिकारों की रक्षा हो सके।
इस अवसर पर शिवम भट्ट, दीपक गुसाईं, राजकुमार,पारस थपलियाल, वैभव पंथ, अभिषेक राघव,गौरव नौटियाल, बिजेंद्र सेमवाल, कैलाश सेमवाल, अमित वर्मा, कृष्ण गोपाल रुहेला आदि अनेकों लोग मौजूद रहे।