संविधान दिवस के अवसर पर देहरादून के राजीव नगर कंडोली में आयोजित जनसभा में “नफरत नहीं रोज़गार दो” का नारा दिया।
संविधान दिवस के अवसर पर देहरादून के राजीव नगर कंडोली में आयोजित जनसभा में "नफरत नहीं रोज़गार दो" का नारा दिया।
संविधान दिवस के अवसर पर देहरादून के राजीव नगर कंडोली में आयोजित जनसभा में “नफरत नहीं रोज़गार दो” का नारा दिया।
उत्तराखंड (देहरादून) बुधवार, 27 नवम्बर 2024
संविधान दिवस के अवसर पर देहरादून के राजीव नगर कंडोली में आयोजित जनसभा में सौ से ज्यादा आम लोगों के साथ विपक्षी दलों एवं जन संगठनों के प्रतिनिधि इकट्ठे हो कर आवाज़ उठाई कि वर्त्तमान सरकार लोगों के घरों को और संविधान के मूल्यों को खतरे में डाल रही है। “नफरत नहीं रोज़गार दो”, “उठेंगे भारत के वास्ते, न्याय समता इंसानियत के नाते” के नारों के साथ सभा मे प्रतिभाग़ करते हुए लोगों ने संविधान की उद्देशिका पर संकल्प लिया। लोगों ने कहा कि जब सरकार को पता है कि गलत नीतियों की वजह से मज़दूरों और गरीबों को किसी भी नियमित कॉलोनी में किराय पर भी घर नहीं मिलेगा, उनको बार बार उजाड़ना अत्याचार है। उन्होंने मांग उठाया कि हाल में आया अध्यादेश सिर्फ विधान सभा सत्र तक वैध होगा, इसे “अधिनियम” बनाया जाये। बेज़रूरत और विनाशकारी “एलिवेटेड रोड” प्रोजेक्ट को रद्द किया जाना चाहिए और गरीबों के लिए व्यवस्था पर सरकार को अपनी छुपी को तोड़ना चाहिए। सभा को संबोधित करते हुए प्रतिनिधियों ने कहा कि संविधान हर नागरिक को इज़्ज़त और आज़ादी से जीने का हक़ देता है, और सरकार उन मूल्यों पर लगातार हनन कर रही है। ऐतिहासिक किसान आंदोलन को सलाम करते हुए और संयुक्त किसान मोर्चा एवं केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आज के देशभर में दिए गए आव्हान को भी समर्थन करते हुए प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे संविधान के उद्देश्यका के लक्ष्यों को और लोगों के हक़ों के लिए लड़ते रहेंगे।
सभा में कुसुम लता, शंकर गोपाल, राजेंद्र शाह, मुमताज, रमन पंडित, क्रांति देवी, जनतुल, चांदनी, शामिल रहे। चेतना आंदोलन, आम आदमी पार्टी, सीटू, एटक, सीपीआई, सपा और अन्य संगठनों ने कार्यक्रम का समर्थन किया।