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Uttarakhand Weather update: 14 साल में दूसरी बार एक सप्ताह पहले उत्तराखंड पहुंचा मानसून

भारत में वर्षा ऋतु एक बेहद ही महत्वपूर्ण ऋतु है। वर्षा ऋतु आषाढ़, श्रावण तथा भादो मास में मुख्य रूप से होती है। जून माह से शुरू होने वाली वर्षा ऋतु हमें अप्रैल और मई की भीषण गर्मी से राहत दिलाती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है।

केरल तट पर मानसून होता है सक्रिय !

1 जून के करीब केरल तट और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में मानसून सक्रिय हो जाता है। हमारे देश में वर्षा ऋतु के अमूमन तीन या चार महीने माने गए हैं। दक्षिण में ज्यादा दिनों तक पानी बरसता है यानी वहां वर्षा ऋतु ज्यादा लंबी होती है जबकि जैसे-जैसे हम दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हैं तो वर्षा के दिन कम होते जाते हैं।

समय से पहले पहुँचा मानसून।

इस बार मानसून ने उत्तराखण्ड में भी अपनी दस्तक दे दी है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार जमकर मूसलाधार बारिश होगी । इस बार समय से एक हफ्ते पहले ही उत्तराखण्ड में मानसून पहुंच चुका है। केरल से मानसून को उत्तराखंड पहुंचने में केवल 10 दिन का समय लगा । बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाला क्षेत्र बनने के कारण इस बार मानसून की गति तेज बनी हुई है। बीते 14 वर्षों में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब राज्य में मानसून निर्धारित समय से एक सप्ताह पहले ही पहुंच गया हो। सबसे खास बात तो यह है कि केरल से उत्तराखंड तक पहुंचने में जहां आमतौर पर 18-20 दिन लगते हैं वहीं इस मानसून ने अपना यह सफर महज दस दिन में तय कर लिया है।

इस बार बारिश में बढ़ोत्तरी की संभावना।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून के निर्धारित समय से करीब एक सप्ताह पहले पहुँचने के कारण इस बार बारिश में बढ़ोत्तरी होगी। पहले के अनुपात में बारिश ज्यादा होने की संभावना है। जहाँ, मानसून के 20 जून तक उत्तराखण्ड पहुंचने का अनुमान था, लेकिन बंगाल की खाड़ी में बनी स्थिति के कारण 13 जून को ही उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दस्तक दे दी। पिछले साल मानसून में 20 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई थी । अर्थात इस बार मानसून में जमकर मूसलाधार बारिश देखने को मिलेगी ।

मानसून की विदाई सितंबर माह तक होती है।

मानसून के आने से मौसम सुहाना हो जाता है । मानसून के विदाई की बात की जाए तो उत्तराखंड से मानसून की विदाई का समय सितंबर का अंतिम सप्ताह तक रहता है । मानसून के दौरान बारिश की बात करें तो उत्तराखण्ड में आमतौर पर औसतन 1200 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जाती है । अब देखने वाली बात यह होगी कि अनुमानित बारिश यहाँ होती है या नही । अगर इस बार पिछले साल के अनुपात में अधिक बारिश होती है ,तो यह वहाँ के आम लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगा।

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