लगातार हो रहे बारिश ने उत्तराखंड की स्थिति खराब कर दी है। प्रतिदिन हो रहे बारिश से उत्तराखंड के लोग काफी परेशान हैं। उत्तराखंड के लगभग 170 सड़क मलबे के कारण बंद है। उनकी स्थिति अत्यंत ही दैनीय है। नदियों की स्थिति भी खराब है । नदियां भी खतरे के निशान के करीब है।
अधिकतर सड़के बाधित ।
प्रदेश में लगातार हो रहे बारिश का प्रकोप अभी खत्म नही हुआ है। ऋषिकेश से लेकर बदरीनाथ तक हाईवे पांच स्थानों पर मलबा आने से बंद है। वहीं केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी चार स्थानों पर बाधित है। पहाड़ों से गिर रहा मलबा चुनौती बना हुआ है। चमोली में 150 और रुद्रप्रयाग जिले में 80 से ज्यादा गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है।
नदियों के जलस्तर में कमी,पर स्थिति खराब।
नदियों का पानी कम जरूर हुआ है पर अभी भी स्थिति सामान्य नही हुई है। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी खतरे के निशान पर बह रही हैं। रुदप्रयाग में नदी किनारे रह रहे 26 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। वहीं ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा अब भी चेतावनी रेखा के करीब है। नदियों का जलस्तर बढऩे से आसपास के लोग दहशत में हैं। हरिद्वार के पास लक्सर क्षेत्र के खेतों में गंगा का पानी भर गया है। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा घाट खाली करा दिए गए हैं। तटबंधों में हो रहे कटाव से दिक्कतें बढ़ रही हैं। प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ अपना काम कर रही है।
जिले 20 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद।
पिथौरागढ़ में तवाघाट-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग छठे दिन भी नहीं खोला जा सका। इस मार्ग पर करीब 100 से भी अधिक वाहन फंसे हुए हैं। जिले में 20 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद हैं। काली और गोरी नदी उफान पर हैं। उच्च हिमालय में सीता पुल के पास भूस्खलन से पुल पर खतरा गहराया है। बलुवाकोट में काली नदी के कटाव से शिशु मंदिर भवन खतरे में है। चम्पावत में शारदा बैराज में पानी अधिक होने से यहां के सभी 22 गेट खोल दिए गए हैं। इससे एनएचपीसी का विद्युत उत्पादन ठप हो गया। बागेश्वर में बारिश के बाद मलबे से 21 सड़कें बंद हैं।
फिलहाल स्थिति सामान्य होने की कोई उम्मीद नही ।
अभी स्थिति सामान्य नही होगी। मौसम विभाग के अनुसार कुछ दिनों तक स्थिति ऐसी ही रहने वाली है। लोगों को सतर्कता बरतने को कहा गया है ।लोग अपने घरों में रहकर पूरी एहतियात रखें।
टापू का वही हाल ।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से हरिद्वार जिले में लक्सर के समीप माड़ाबेला गांव के पास खेतों में काम कर रहे 57 ग्रामीण वहां फंस गए। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी एसडीआरएफ और जल पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया है। गंगा के किनारे बसे किसानों के घर मे पानी घुसने से उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।