श्रीलंका की टीम पिछले कई सालों से काफी अच्छी टीम बनकर उभरी है । कई आईसीसी टूर्नामेंट में इस श्रीलंका की टीम ने अपने देश को मान और सम्मान दिलाया है । 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल तक यह टीम पहुँची थी। इतिहास गवाह इस टीम ने कई मौकों पर अपना दम-खम दिखाया है। इसी बीच पिछले कुछ महीनों से लगातार श्रीलंका टीम के खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच नए अनुबंध को लेकर अनबन चल रही थी। खिलाड़ियों के नजरिए से नया अनुबंध पूरी तरह से पारदर्शी नहीं है, वहीं टीम के सीनियर खिलाड़ियों का मानना है कि यह भविष्य के खिलाड़ियों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया ना कि अनुभव और प्रदर्शन के आधार पर।
नए अनुबंध पर खिलाड़ी नही थे राजी, नया अनुबंध कुछ इस प्रकार।
वार्षिक अनुबंध को लेकर क्रिकेट बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही थी। इधर श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) ने खिलाड़ियों को विवादास्पद राष्ट्रीय अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिये मंगलवार से केवल 36 घंटे का समय दिया था। इन अनुबंध के अनुसार श्रीलंका क्रिकेट ने चार श्रेणियों में 24 खिलाड़ियों के लिये नये अनुबंध की घोषणा की थी । जिसमें ‘ए’ श्रेणी में केवल छह खिलाड़ी शामिल थे और उनका वार्षिक वेतनमान 70,000 से एक लाख डालर के बीच था बल्लेबाज धनंजय डिसिल्वा को सर्वाधिक वेतन वाले वर्ग में रखा गया था जबकि बाकी खिलाड़ियों का वेतनमान 70,000 से 80,000 डालर के बीच तय किया गया था। खिलाड़ियों को इसी को लेकर आपत्ति है। खिलाड़ियों ने प्रक्रिया में पारदर्शिता के अभाव का हवाला दिया था। खिलाड़ियों ने मई में बातचीत के दौरान कहा था कि उनके लिये जो वेतन प्रस्तावित किया गया है, अन्य देशों के खिलाड़ियों को उससे तीन गुणा अधिक वेतन मिलता है।
भारत सीरीज से पहले आई अच्छी खबर ।
13 जुलाई से श्रीलंका टीम को भारत के खिलाफ लिमिटेड ओवर्स की सीरीज खेलनी है और उससे पहले श्रीलंका बोर्ड को एक अच्छी खबर मिली है। दरअसल 29 श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने टूर अनुबंध पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे वह अब भारत के खिलाफ सीरीज के चयन के रूप में उपलब्ध रहेंगे। इससे पहले श्रीलंका टीम के खिलाड़ी इंग्लैंड दौरे पर अनुबंध विवाद के कारण बिना हस्ताक्षर किए खेलने गए थे। 25 जून को शुरू हुए भारत खिलाफ सीरीज से पहले आवासीय कैंप को लसिथ एम्बुदेनिया, लहिरू कुमारा, विश्वा फर्नांडो, असेन बंडारा और कसुन रंजीता बीच में ही छोड़कर चले गए थे।
अब इस अनुबंध पर खिलाड़ियों द्वारा हस्ताक्षर कर देने से श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को थोड़ी राहत मिली है। इस विवाद में भी विराम लगा है। अब देखने वाली बात होगी कि श्रीलंका की टीम अपने घर पर भारत के खि
लाफ कैसा प्रदर्शन कर पाती है।