टोक्यो ओलिंपिक से भारतीय खेल प्रेमियों के लिए अच्छी खबर आई है। भारत के पुरुष भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल अपने नाम करते हुए इतिहास रच दिया है। उन्होंने 87.58 मीटर का थ्रो फेंकते हुए पदक अपने नाम कर इतिहास रच दिया है।
भारत के खाते में सात मेडल ।
टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल पर निशाना लगाने वाले नीरज चोपड़ा भारत को एथलेटिक्स में पहला ओलिंपिक पदक दिलाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। बीते तकरीबन 100 साल में भारत ने एथलेटिक्स में पदक नहीं जीता था, लेकिन नीरज ने यह सूखा खत्म किया। नीरज के गोल्ड पर भाला फेंकते ही सभी भारतीय खुशी से झूम उठे। उनकी इस जीत के साथ ही ये भारत का टोक्यो ओलिंपिक में पहला गोल्ड मेडल है। अब तक भारत ने कुल 7 पदक अपने नाम किए हैं।
नीरज पर इनामों की बारिश।
नीरज के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए देशभर से उन्हें मुबारकबाद और इनाम से नवाजा जा रहा है। भारत को ओलंपिक्स में एथलेटिक्स का पहला गोल्ड दिलाने वाले नीरज चोपड़ा को नेताओं से लेकर दूसरे खेलों के बोर्ड ने भी सम्मानित किया है।
नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतते ही नया रिकॉर्ड भी बन गया है। 125 साल के इतिहास में पहली बार ओलंपिक में भारत को 7 मेडल इस बार मिले हैं।
बचपन से था खेल-कूद का शौख।
नीरज चोपड़ा ने सिर्फ 11 साल की उम्र में ही भाला फेंकना प्रारंभ कर दिया था। नीरज चोपड़ा ने अपनी ट्रेनिंग को और भी ज्यादा मजबूत बनाने के लिए साल 2016 में एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया जो इनके लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ। नीरज चोपड़ा ने साल 2017 में एशियाई चैंपियनशिप में 50.23 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर मैच को जीता था। इसी साल उन्होंने आईएएएफ डायमंड लीग इवेंट में भी हिस्सा लिया था, जिसमें वह सातवें स्थान पर रहे थे। इसके बाद नीरज चोपड़ा ने अपने कोच के साथ काफी कठिन ट्रेनिंग चालू की और उसके बाद इन्होंने नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए।
नीरज चोपड़ा की वर्तमान में विश्व रैंकिंग जैवलिन थ्रो की कैटेगरी में चौथे स्थान पर है। इसके अलावा वे कई मैडल एवं पुरस्कार भी जीत चुके हैं।
गोल्ड मेडल मिल्खा सिंह को किया समर्पित।
नीरज ने इस एतिहासिक जीत के बाद अपना गोल्ड मेडल पूर्व धावक मिल्खा सिंह को समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि, ‘मैं यह पदक मिल्खा सिंह को समर्पित करता हूं। वह चाहते थे कि कोई भारतीय एथलेटिक्स में ओलिंपिक पदक जीते। काश वह आज जिंदा होते और मुझे देख पाते। आज नीरज के गोल्ड मेडल जीतने से पूरा भारत खुशी से झूम उठा है। नीरज ने अपने देश का नाम ऊँचा किया है।