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Gold Hallmarking के सा‍थ मिलेंगे आभूषण, जानिए आपके पुराने Gold पर क्‍या होगा असर

सोना को लेकर भारतीय कुछ ज्यादा ही इमोशनल होते हैं। महिलाओं की सुंदरता आभूषणों से और आकर्षक लगती है। सोना न सिर्फ सुंदरता ही बढ़ाता है, बल्कि भविष्य भी सेफ रखता है। इसलिए इसे खरीदते समय कुछ बातें हमेशा ध्यान रखनी चाहिए, ताकि इतनी कीमती चीज खरीदते समय धोखा न हो। थोड़ी-सी जानकारी भी आपको होने वाले बड़े नुकसान से बचा सकती है। आज हम आपको सोना से जुड़े एक महत्वपुर्ण जानकारी से आपको रूबरू कराएंगे। दरअसल 16 जून से Gold jewellery की खरीददारी में बदलाव आया है। अब आपको ज्‍वेलरी पर अलग-अलग मार्क दिखेंगे। आइये जानते है इनके बारे में।

क्या है नया नियम ?

Gold jewellery hallmarking 16 जून से शुरू होने जा रही है । केंद्र सरकार ने Gold Jewellery और कलाकृतियों के लिए अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग व्यवस्था लागू करने का फैसला लेने का मन बना लिया है। इसका मतलब है कि 15 जून के बाद जौहरियों को सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषण बेचने की अनुमति होगी । वर्तमान समय में लगभग 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग हो रही है ।

पुराने आभूषणों का क्या होगा ?

Gold Hallmarking का घर में रखे सोने पर कोई असर नहीं पड़ने जा रहा है । ग्राहक कभी भी चाहे पुरानी ज्‍वेलरी बेचने में सक्षम होंगे । क्‍योंकि Hallmarking का नियम सोनार के लिए जरूरी है । वह अब बिना हॉलमार्क के सोना नहीं बेच पाएगा । सोने की शुद्धता की परख के लिए अब हॉलमार्क अनिवार्य होगा।

3 ग्रेड में होगी सोने की शुद्धता ।

बीाईएस के मुताबिक सोने की शुद्धता के लिए तीन ग्रेड होंगे। पहला ग्रेड 22 कैरेट वाला सोना, दूसरा ग्रेड 18 कैरेट वाला सोना और तीसरा ग्रेड 14 कैरेट वाला सोना होगा। हॉलमार्क सोने की शुद्धता की गारंटी होगी, जिससे ग्राहकों के मन में प्योर गोल्ड को लेकर कोई संशय नहीं रहेगा।

ग्राहकों की शिकायतों का समाधान।

सोने की शुद्धता को लेकर अक्सर लोगों की शिकायतें सामने आती रहती है, जिसके बाद अब इस झंझट को खत्म कपने के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है । अब ग्राहकों को परेशान नही होना पडेगा । उन्हें सुगमता से असली सोना प्राप्त हो सकेगा। इस नियम के लिए सरकार बहुत दिनों से प्रतिबद्ध थी। पहले इसकी डेडलाइन 15 जनवरी 2021 थी, जिसे अब बढ़ाकर 1 जून 2021 कर दिया गया है।

हॉलमार्किंग की प्रक्रिया।

सोने की ज्वैलरी की हॉलमार्किंग के लिए सोनार को BIS के A&H सेंटर पर गहनों को जमा कराना पड़ता है, जहां उन गोल्ड की शुद्धता की जांच कर उन्हें ग्रेडिंग दी जाती है। सोने की गुणवत्ता के मुताबिक बीआईएस उस पर मार्किंग करता है। हॉलमर्किंग की प्रक्रिया को सरकार ने आसान रखा है। ज्लैवर्स आसानी से खुद को बीआईएस के साथ रजिस्टर्ड करवा सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन और रजिस्ट्रेशन फीस अदा करने के बाद ज्वैलर्स बीआईएस से रजिस्टर्ड हो जाएगा।

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