मसूरी भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक पर्वतीय नगर है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मसूरी उन स्थानों में से एक है जहाॅं लोग बार-बार आते जाते हैं। घूमने-फिरने के लिए जाने वाली प्रमुख जगहों में यह एक है।
यह पर्वतीय पर्यटन स्थल हिमालय पर्वतमाला के मध्य हिमालय श्रेणी में पड़ता है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। देहरादून में पायी जाने वाली वनस्पति और जीव-जंतु इसके आकर्षण को और भी बढ़ा देते हैं। दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए यह लोकप्रिय ग्रीष्मकालीन पर्यटन स्थल है। बहुत ही सुदंर नगर है ।आज हम आपको मसूरी में मिलने वाले भुट्टों के बारे में बताएंगे। खाने में यह भुट्टे बहुत स्वादिष्ट लगते हैं।
मसूरी के भुट्टे अधिक लोकप्रिय।

पर्यटकों को मसूरी के भुट्टे बहुत पसंद आते है। मसूरी के माल रोड पर भुट्टे की महक लोगों के मन को प्रफुल्लित कर देटी है। पहाड़ों की रानी मसूरी के लाइब्रेरी चौक, आंबेडकर चौक से माल रोड, झूलाघर, कुलड़ी बाजार, पिक्चर पैलेस, लंढौर, लाल टिब्बा, कंपनी गार्डन, कैमल्स बैक रोड, कैम्पटी फाल आदि स्थानों पर हर मौसम में सौ से अधिक लोग भुट्टे बेचते मिल जाते हैं। यहाँ भुट्टा ही दुकानदारों के आय का श्रोत है। कोरोना में हुए लॉकडाउन के कारण भुट्टों के दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ था पर अब जैसे-जैसे कोरोना की स्थिति सामान्य हुआ है इनका भी जीवन पटरी पर लौटा है।
पर्यटक भुट्टा खाना नही भूलते।

जो भी पर्यटक यहां आते है वह यहां का भुट्टा खाना नही भूलते है।अक्सर लोग भुट्टा खाते हुए देखे जाते है। इस सुंदर से जगह पर लोगों को भुट्टा काफी रास आता है। वीकएंड पर भीड़ ज्यादा हो तो 25 से 40 और सामान्य दिनों में 20 से 25 भुट्टे रोजाना बिकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जब भी मसूरी या कैम्पटी फाल आते हैं, माल रोड पर भुट्टे जरूर खाते हैं। इतना ही नहीं, वे अपने साथ आने वालों को भी भुट्टे खिलाते हैं। पर्यटकों से लेकर राजनेताओं का भुट्टे से इतना लगाव सचमुच अद्भुत है। आप भी अगर कभी मसूरी आए तो यहां का भुट्टा खाना न भूले। यह आपको आनंद का अनु
भव कराएगा।