किसी विद्वान ने कहा है कि आपकी उम्र सालों से नहीं, बल्कि इस बात से तय होती है कि जीवन के अंत में आपके कितने दोस्त हैं । दोस्ती एक अपरिभाषित रिश्ता है, ठीक वैसे ही जैसे प्यार । ये सब कुछ है और कुछ भी नहीं। कृष्ण-सुदामा की अनमोल दोस्ती के पौराणिक परिप्रेक्ष्य में हम दोस्ती को जानते और पहचानते हैं। समय बदला है तो जाहिर है दोस्ती का स्वरूप भी बदला, लेकिन भावना की शुद्धता और तीव्रता में ज्यादा फर्क नजर नहीं आता।
धोनी-रैना की दोस्ती अनोखी।
धोनी और सुरेश रैना की दोस्ती काफी पुरानी है ।धोनी और रैना लगभग साथ ही टीम इंडिया में आए थे ।धोनी ने 2004 और रैना ने 2005 में इंटरनेशनल डेब्यू किया था । इसके बाद इन दोनों खिलाड़ियों ने टीम इंडिया को कई मैच जिताए । इन दोनों की दोस्ती ऐसी थी कि धोनी और रैना दोनों ने ही साथ में संन्यास लिया ।धोनी ने 15 अगस्त, 2020 को इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा और उन्हीं के संन्यास के कुछ देर बाद ही रैना ने भी संन्यास ले लिया ।
सुरेश रैना एक अच्छे बल्लेबाज।
बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना ने अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से टीम इंडिया को कई मैच जिताए। रैना मिडिल ऑर्डर में आकर मुश्किल मौकों पर रन बनाने में माहिर थे ।वनडे और टी20 क्रिकेट में उनकी काबिलियत का लोहा माना जाता था।
धोनी के बिना आईपीएल नही खेल सकता।
रैना ने एक बार फिर अपनी दोस्ती को दिखाते हुए यह कहा है कि अगर धोनी अगला आईपीएल नही खेलते है तो वह भी आईपीएल नही खेलेंगे। रैना चाहते है कि उनकी टीम चेन्नई इस साल धोनी के कप्तानी में आईपीएल का खिताब जीते और धोनी अगले आईपीएल में भी खेलते नजर आए। रैना ने यह बयान देकर फिर से एक शानदार दोस्ती का नमूना पेश किया है।
धौनी और रैना ने आइपीएल की शुरुआत में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलना शुरू किया था। इसके बाद जब टीम को दो साल के लिए निलंबित किया गया तो धौनी पुणे सुपर जाइंट्स की तरफ से खेले जबकि रैना को गुजरात लॉयन्स का कप्तान बनाया गया था।
आगामी सीजन भी चेन्नई के लिए खेलना चाहते है रैना।
सुरेश रैना आईपीएल के आगामी सीजन भी चेन्नई के लिए खेलना चाहते है। वो कहते है कि वह अभी 5 सालों तक खेल सकते है पर तभी जब धोनी उनके कप्तान होंगे। धोनी को आईपीएल में खेलते देखना रैना की दोस्ती को और मजबूत करता है। अब देखने वाली बात होगी कि धोनी आने वाले आईपीएल सीजन में खेलते है या आईपीएल से भी सन्यास लेते है।