उत्तराखंड

देहरादून में 10 जगहों पर हुई मॉक ड्रिल, सीखा भूकंप से बचने का तरीका।

देहरादून में 10 जगहों पर हुई मॉक ड्रिल, सीखा भूकंप से बचने का तरीका।

देहरादून में 10 जगहों पर हुई मॉक ड्रिल, सीखा भूकंप से बचने का तरीका।

उत्तराखंड (देहरादून) शनिवार, 15 नवंबर 2025

भूकंप की स्थिति में आपदाओं से निपटने के लिए देहरादून जिले के 10 इलाकों में भूकंप मॉक ड्रिल की गई। मॉक अभ्यास में सिखाया गया कि असल में भूकंप आए तो क्या करें और क्या ना करें। कैसे इमारतों से सुरक्षित बाहर निकले। रेस्क्यू टीमों को भूकंप राहत बचाव संसाधनों के साथ मौके पर भेज कर घायलों का किस प्रकार रेस्क्यू किया जाए। इस मॉक ड्रिल का मकसद भूकंप और इससे उत्पन्न आपदाओं के दौरान राहत बचाव की प्रणाली की क्षमता और तैयारियों को परखना था।

मॉकड्रिल के तहत देहरादून में शनिवार को सुबह 9ः30 बजे काल्पनिक तौर पर 6.3 तीव्रता का भूकंप आने की सूचना प्रसारित की गई और देहरादून जनपद के कई स्थानों पर जानमाल का नुकसान होने एवं कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना प्रसारित की गई। थाने चौकियों में स्थित इमरजेंसी सायरन बजाकर लोगों को सतर्क और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई। आईआरएस के रिस्पांसिबल ऑफिसर/जिलाधिकारी सविन बंसल ने तत्काल जिला एवं तहसील स्तर पर इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम को सक्रिय करते हुए सभी नोडल अधिकारियों को तत्परता से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी के निर्देश पर सीडीओ अभिनव शाह ने एनआईसी में स्थापित कंट्रोल रूम पहुंचकर आईआरएस की कमान सभाली। इस दौरान सीडीओ आपदा कंट्रोल रूम से सभी घटना स्थलों पर रेस्क्यू कार्य का पल-पल अपडेट लेते रहे। उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विनय रूहेला, आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी रेस्क्यू ऑपरेशन को लाइव ऑब्जर्व कर रहे थे।

देहरादून जनपद में तहसील सदर के अंतर्गत 06 प्रमुख स्थान कोरोनेशन अस्पताल, महाराणा प्रताप स्टेडियम, आईएसबीटी, विद्युत उपकेंद्र आराघर, जल संस्थान खंड दिलाराम चौक तथा पैसिफिक मॉल में नुकसान की सूचना पर स्टेजिंग एरिया पुलिस लाइन रेसकोर्स और स्पोर्ट्स स्टेडियम से रेस्क्यू टीमें रवाना की गई। वहीं कालसी के अंतर्गत पाटा गांव एवं राइका कस्तूरबा गांधी, विकास नगर में औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई तथा ऋषिकेश में टीएचडीसी के पास कुछ लोगों के दबे होने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।

कोरोनेशन अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड क्षतिग्रस्त होना दर्शाया गया। जिसमें 20 लोगों के दबे दिखाए गए। इसमें से 17 घायलों को रेस्क्यू किया गया व तीन लोगों की मृत्यु दिखाई गई। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कालसी का आवासीय भवन क्षतिग्रस्त होने से मलबे में फंसे सभी 18 बच्चों को सफल रेस्क्यू किया गया। स्पोर्ट्स ग्राउंड में हाई टेंशन लाइन की चपेट में आने से तीन लोगों की मृत्यु और 05 घायलों को दून मेडिकल कॉलेज लाया गया। एमडीडीए कॉलोनी में 100 लोगों के दबे होने की सूचना दी गई। इस घटना में 60 घायलों को इन्द्रेश अस्पताल पहुंचाया गया। जबकि मामूली तौर पर 40 घायल लोगों को प्राथमिक उपचार किया गया। आराघर विद्युत गृह में आग लगने से 04 घायलों का रेस्क्यू कर आग को नियंत्रित किया गया। दिलाराम के पास क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन को ठीक कराया गया। पैसिफिक मॉल में भूकंप के बाद भगदड मचना दिखाया गया। रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंच कर लोगों को सुरक्षित निकाला। इसमें दो लोगों को घायल दर्शाया गया। वही भू धसाव प्रभावित पाटा गांव में भारी क्षति पहुंचने पर 17 लोगों को प्राथमिक विद्यालय में सुरक्षित शिफ्ट कराया गया। सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में इंडस्ट्री में क्लोरीन गैस लीक होने की स्थिति दर्शायी गई। टीम ने यहां पर 100 से अधिक मजदूरों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। जिसमें से घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वही ऋषिकेश में टीएचडीसी में फंसे लोगों को टीम ने रेस्क्यू किया गया और घायलों को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया।

मुख्य विकास अधिकारी कंट्रोल रूम से सभी घटना स्थलों पर राहत एवं बचाव कार्याे की पल-पल निगरानी कर रहे थे। जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी घटना स्थलों पर क्षति आकलन करते हुए इसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को दी गई। मॉक अभ्यास में शामिल रेस्क्यू टीमों को इंसीडेंट कमांडर द्वारा ब्रीफ किया गया और मॉक अभ्यास को समाप्त किया गया।

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने कहा कि मॉक अभ्यास सफल रहा। उन्होंने कहा अभ्यास मनुष्य को परिपूर्ण बनाता है। आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्याे का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन के लिए पूर्वाभ्यास आवश्यक है। इससे आपसी समन्वय कायम होने के साथ आपदा बचाव कार्य के उपलब्ध संसाधनों और उपकरणों का इस्तेमाल की जानकारी भी मिलती है। उन्होंने नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेस्क्यू कार्याे के संचालन के दौरान जो भी खामियां परिलक्षित हुई है या किसी राहत सामग्री की आवश्यकता महसूस हुई है, तो उसको जुटा लिया जाए। ताकि रियल आपदा के समय प्रभावी तरीके से रेस्क्यू कार्य को संचालित कर आमजन को राहत पहुंचाई जा सके।

मॉक अभ्यास के दौरान कंट्रोल रूम में पुलिस अधीक्षक जया बलूनी, सिटी मजिस्ट्रैअ प्रत्यूष सिंह,, सीएमओ डॉ एमके शर्मा, डीडीओ सुनील कुमार, सीईओ वीके ढौडियाल, डीएसओ केके अग्रवाल सहित आईआरएस के तहत आपरेशन, प्लानिंग एवं लॉजिस्टिक सेक्शन से जुड़े सभी नोडल अधिकारी मौजूद थे।

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