उत्तराखंड

उत्तराखंड के मूल निवासी ठेकेदारों को 10 करोड़ रूपए के काम के लिए 200% (प्रतिशत) से अधिक का टर्नओवर दिखाना होगा।

उत्तराखंड के मूल निवासी ठेकेदारों को 10 करोड़ रूपए के काम के लिए 200% (प्रतिशत) से अधिक का टर्नओवर दिखाना होगा।

उत्तराखंड के मूल निवासी ठेकेदारों को 10 करोड़ रूपए के काम के लिए 200% (प्रतिशत) से अधिक का टर्नओवर दिखाना होगा।

उत्तराखंड (देहरादून) मंगलवार , 26 अगस्त 2025

देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने अपने चन्दर नगर, देहरादून मुख्यालय में बैठक कर उत्तराखंड के मूल निवासी ठेकेदारों के हित में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि कृपया ठेकेदारों के लिए बनाए गए ई टेंडरिंग प्रक्रिया को रिव्यू करें एवं उत्तराखंड के ठेकेदारों के हितों में उनके हैसियत मुताबिक संशोधित नियम बनाएं जिससे यहां के स्थानीय ठेकेदार सरकारी कार्यों को करने में समर्थ हो।

देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन में कहा है।

” आपका हमारी एसोसिएशन आभार व्यक्त करती हैं कि उत्तराखंड राज्य के ठेकेदारों के लिए दस करोड़ तक के कार्य के लिए उत्तराखंड के ठेकेदारों को प्राथमिकता दी हैं जिससे उत्तराखंड राज्य में हो रहे पलायन में कमी आएगी।”

उन्होंने कहा यहाँ ये भी अवगत कराना है कि ” वित्त विभाग उत्तराखंड शासन ‌द्वारा अपने शासनादेश संख्या 310161/2025/XXV11 (9)/ अधिप्राप्ति 01/2024//ई -77841 दि. 30 जून 2025 द्वारा उत्तराखंड राज्य के समस्त विभागों में लागू है प्रोक्योरमेंट व्यवस्था के अंतर्गत निविदा में एकरूपता लाये जाने के दृष्टिगत नयी स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट लागू कि गई हैं। जिसमे उपरोक्त लागू नियमावली शर्तों में आप द्वारा 10 करोड़ तक कि निविदा में स्थानीय ठेकेदारों को प्राथमिकता देने का आदेश स्वयं निरर्थक हो गया हैं, स्थानीय ठेकेदार छोटे स्तर पर ही कार्य करते हैं और उन्होंने छोटे- छोटे कार्य कर अपनी एक हैसियत और अनुभव बनाये हैं ऐसे में 200 प्रतिशत टर्न ओवर एवं 80% का अनुभव होना उन्हें स्वतः ही बाहर का रास्ता दिखा रहा हैं।”

देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने निवेदन हैं कि कृपया उपरोक्त नयी शर्तों में सांसोधन कर पूर्व कि भांति शर्तों को यथावत रखा जाए एवं 10 करोड़ तक उत्तराखंड राज्य के ठेकेदारों को दिए जाने कि लिए विभागो को निर्देशित किया जाए। इस नई नियमावली पर अन्य विभागों के ठेकेदारों ने भी अपनी-अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।

उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य से पलायन न हो और जो हमारे राज्य के ठेकेदार हैं वे सभी अपने स्टाफ साथ उत्तराखंड में रहकर ही रोजगार प्राप्त कर सके और पलायन करने के लिए मजबूर ना हो। इस तरह के सख्त नियम से वे सभी ई टेंडरिंग प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाएंगे एवं ठेकेदारों के साथ-साथ अनेक मजदूर परिवार भी भुखमरी के शिकार हो जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि हम आपसे अपने और अपने राज्य के ठेकेदार भाइयो के भविष्य में उन्नति और प्रगति की कामना करते हैं

बैठक में देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित अग्रवाल, उपाध्यक्ष सचिन मित्तल एवं महासचिव सुनील गुप्ता, सकलानंद लखेरा, पिंकी, जीतेन्द्र भंडारी, संदीप मित्तल, दीपक भट्ट एवं यशपाल चौहान मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button