स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठनों द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को 10 मिनट शहीदों के नाम’ कार्यक्रम के अंतर्गत स्वतंत्रता सेनानी शहीदों के स्मृति स्तंभों पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठनों द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को 10 मिनट शहीदों के नाम' कार्यक्रम के अंतर्गत स्वतंत्रता सेनानी शहीदों के स्मृति स्तंभों पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठनों द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को 10 मिनट शहीदों के नाम’ कार्यक्रम के अंतर्गत स्वतंत्रता सेनानी शहीदों के स्मृति स्तंभों पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
उत्तराखंड (रुड़की) रविवार , 02 मार्च 2025
स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठनों द्वारा देश भर में चलाए जा रहे प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को ’10 बजे 10 मिनट शहीदों के नाम’ कार्यक्रम के अंतर्गत आज रुड़की तथा भगवानपुर में भी स्वतंत्रता सेनानी शहीदों के उत्तराधिकारियों तथा अन्य गणमान्य लोगों ने स्वतंत्रता सेनानी शहीदों के स्मृति स्तंभों पर जाकर उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। रुड़की में मुख्य कार्यक्रम नगर के वरिष्ठ साहित्यकार तथा जनपद हरिद्वार के एकमात्र शहीद जगदीश वत्स के भांजे डॉ. श्री गोपाल नारसन के संचालन में सुनहरा स्थित वट वृक्ष के नीचे आयोजित किया गया। राष्ट्रगान के बाद सभी उपस्थित सदस्यों ने शहीदों को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर ग्राम गुम्मा वाला माजरा से आए नरेंद्र कुमार सैनी ने अपने दादा स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय राजा राम के बारे में उपस्थित लोगों को बताया कि उनके दादाजी स्वतंत्रता आंदोलन में दो बार जेल गए थे तथा कठोर यातनाएं सही थी, जिस कारण उन्हें राज्य व केंद्र सरकार ने सम्मानित किया तथा उन्हें ताम्रपत्र भी दिया गया था ।उन्होंने बताया कि उनके दादाजी का स्वर्गवास सन् 1975 में ही हो गया था। डॉ. श्री गोपाल नारसन ने अपने उद्बोधन में बताया कि वह स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण महा परिषद का राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के नाते महापरिषद की राष्ट्रीय बैठक में भाग लेने 16 फरवरी को रांची गए थे, जहाॅं पर झारखंड की ग्रामीण विकास मंत्री श्रीमती दीपिका पांडेय आई थी। उन्होंने सर्वप्रथम महा परिषद की सदस्यता ग्रहण की तथा कहा कि वह स्वयं भी स्वतंत्रता सेनानी की वंशज हैं इसलिए वह एक सदस्य के रूप में यहाॅं आई हैं ।उन्होंने आश्वासन दिया की झारखंड सरकार प्राथमिकता के आधार पर स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारियों को चिन्हित कर उन्हें परिचय पत्र जारी करने का कार्य करेगी तथा इन परिवारों को राष्ट्रीय परिवार घोषित करने के संबंध में उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि झारखंड सरकार भी उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को सुविधाएं देने का प्रयास करेगी। श्रीगोपाल नारसन ने आवाहन किया कि स्वतंत्रता सेनानियों के हितों के लिए देशभर में जो भी संगठन कार्य कर रहे हैं उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक साथ एक मंच पर आकर अपनी लड़ाई लड़नी चाहिए ताकि स्वतंत्रता सेनानियों व उनके उत्तराधिकारियों के हितों की रक्षा की जा सके। उत्तराखंड कांग्रेस स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सैनी ने इस अवसर पर कहा कि हमें यह आजादी अपने पूर्वज स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों के बहुत बलिदानों के कारण प्राप्त हुई है और अब इसकी रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हरिशंकर सैनी ने भी इस अवसर पर शहीदों को याद किया तथा अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
वरिष्ठ आर्य समाज के नेता हरपाल सिंह आर्य ने इस अवसर पर वटवृक्ष स्थित शहीद स्तंभ के सौंदर्य करण पर जोर दिया तथा उसकी तात्कालिक प्रभाव से रंगाई -पुताई होने की आवश्यकता बतलाई।
इस अवसर पर सुशील भारद्वाज, संजय कुमार चौबे, श्रीमती राजकुमारी सैनी, श्रीमती सरोज सैनी, अनूप बंसल, श्रीपाल वत्स ,योगेंद्र कुमार अत्रे तथा रणवीर सिंह रावत आदि अनेक लोग उपस्थित रहे। इसके बाद स्वतंत्रता सेनानी व शहीदों के उत्तराधिकारी ब्लॉक रुड़की परिसर में स्थापित स्मृति स्तंभ पर गए तथा अपने पूर्वज स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। ब्लाक भगवानपुर स्थित स्मृति स्तंभ पर उत्तराखंड कांग्रेस स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष नवीन शरण निश्चल के संचालन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारियों ने राष्ट्रगान के बाद अपने पूर्वज स्वतंत्रता सेनानियों/ शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए तथा शहीदों की क़ुर्बानियों से प्राप्त इस आजादी की रक्षा करने के लिए सभी संकल्पित हुए।
इस आयोजन में नरदेव त्यागी नन्हेड़ा अनंतपुर, राजीव सैनी, मोहित सैनी, विशेष सैनी, प्रेम प्रकाश, मिली सैनी तथा सुखबीर सिंह सैनी हाल्लू माजरा आदि उपस्थित रहे।