खानपुर विधायक उमेश कुमार बताया की 500 करोड़ में रची जा रही थी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हटाने की साजिश।
खानपुर विधायक उमेश कुमार बताया की 500 करोड़ में रची जा रही थी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हटाने की साजिश।
खानपुर विधायक उमेश कुमार बताया की 500 करोड़ में रची जा रही थी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हटाने की साजिश।
उत्तराखंड (गैरसैण) शुक्रवार, 23 अगस्त 2024
हरिद्वार जनपद की खानपुर विधानसभा सीट से विधायक उमेश कुमार ने मानसून सत्र के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हटाने की साजिश चल रही है। यह सौदा 500 करोड़ में तय हुआ है।उन्होंने आरोप लगाया कि देहरादून में नामी बिल्डर सत्येंद्र साहनी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने में गुप्ता बंधुओ का हाथ रहा है। उन्होंने नियम 58 के तहत भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चर्चा की। बिना नाम लिए उन्होंने एक सांसद पर आरोप लगाया कि वह वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हटाने की साजिश कर रहे हैं।
खानपुर विधायक उमेश कुमार ने 500 करोड़ रुपये से पुष्कर सिंह धामी की सरकार को गिराने, उन्हें मुख्य्मंत्री पद से हटाने के गंभीर आरोप जरूर जड़ दिए। उन्होंने सदन के साथ ही पत्रकार वार्ता में भी खुलकर गुप्ता बंधु का नाम लिया।उन्होंने कहा कि देहरादून में नामी बिल्डर सतेंदर साहनी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने में भी गुप्ता बंधु का हाथ रहा है। साथ ही कहा कि जो गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका की राजनीती में भ्रष्टाचार का भूचाल लेकर आए, उन्हें उत्तरखंड में शरण देकर वाई और जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई।
गैरसैण के भराड़ीसैण स्थित विधानसभा भवन में मानसून सत्र के दूसरे दिन निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने नियम 58 के तहत भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चर्चा की।उन्होंने प्रदेश सरकारों में राज्य गठन के समय वर्ष 2000 से शुरुआत करते हुए विभिन्न घोटालों का जिक्र किया और फिर अचानक गुप्ता बंधु का नाम लेकर सबको चौंका दिया।उन्होंने 24 मई 2024 को पैसफिक गोल्फ एस्टेट स्थित फ्लैट से कूदकर जान देने वाले नामी बिल्डर सतेंदर साहनी का नाम लेते हुए भी गुप्ता बंधु को इसकी वजह बताया।
हालांकि, आत्महत्या के इसी मामले में बिल्डर साहनी के सुसाइड नोट के आधार पर गुप्ता बंधु में से एक अजय गुप्ता और उनके बहनोई अनिल गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में कुछ समय बाद ही उन्हें जमानत भी मिल गई।500 करोड़ रुपये के प्रकरण में वापस आते हुए बताते हैं कि निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सत्र के बाद पत्रकार वार्ता भी की। उन्होंने कहा कि गुप्ता बंधु के भ्रष्टाचार के कारण जब उनके करीबी जैकब जुमा को वर्ष 2018 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया था, तब गुप्ता बंधु (अतुल, राजेश और अजय गुप्ता) वहां से फरार हो गए थे।
उस समय उत्तराखंड की तत्कालीन सरकार ने गुप्ता बंधु को न सिर्फ पनाह दी, बल्कि जेड श्रेणी की सुरक्षा भी प्रदान कर दी। हालांकि, उत्तराखंड की सरकार में उनका होल्ड वर्ष 2016 से था। तब उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी।विधायक उमेश कुमार ने कहा कि गुप्ता बंधु के साथ उत्तराखंड की तत्कालीन सरकार ने तब सांठ-गांठ बढ़ाई, जब उन्हें पकड़ने के लिए इंटरपोल ने रेड कॉर्नर जैसा अति संवेदनशील नोटिस जारी कर रखा था।
उमेश कुमार ने यह भी कहा कि गुप्ता बंधु के साथ किन राजनेताओं के संबंध हैं, इसकी ईडी और सीबीआई से जांच कराई जनि चाहिए।इसी मांग के अनुरूप बिल्डर साहनी आत्महत्या के मामले में पुलिस के पास ऐसे साक्ष्य हाथ लगे हैं, जो इस ओर इशारा करते हैं कि हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के बहाने दून में काला धन खपाने की योजना थी।
बाबा साहनी को इसी तरह के ट्रांजेक्शन पर एतराज था। जब बात नहीं बनी तो उन पर करीब 1000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को अन्य माध्यम से पूरा करने या कंपनी छोड़ने का ऐसा दबाव बढ़ा कि, जिसे झेलने की जगह उन्हें मौत आसान रास्ता नजर आई।हाल के दिनों में महाराष्ट्र के शिव सेना नेता संजय निरुपम का समाचार एजेंसी एएनआई को दिया गया वीडियो बयान भी चर्चा में है। जिसमें वह आरोप लगा रहे हैं कि शिव सेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में गुप्ता बंधु (अजय गुप्ता) से गोपनीय मुलाकात की है।
वीडियो के माध्यम से उन्होंने इस मुलाकात की मंशा पर कई सवाल उठाए हैं। जिसमें उन्होंने कहा कि क्या वह चुनाव (महाराष्ट्र में साल के अंत में विस चुनाव होने हैं) के लिए चंदा मांगने गए थे। या इस मुलाकात के पीछे कई और खतरनाक खेल छिपे हैं।इसी वीडियो में शिव सेना नेता निरुपम ने देहरादून में बिल्डर साहनी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने, उनकी कंपनी को टेकओवर करने जैसे गंभीर आरोप चर्चित अजय गुप्ता पर लगाते हुए उद्धव ठाकरे की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका में बहुत बड़े नाम बन गए थे। हालांकि, वहां भ्रष्टाचार उजागर होने और दुनियाभर में तहलका मचने के बाद उन्हें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से दो गुप्ता बंधु (अतुल और राजेश) को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि अजय गुप्ता बच निकलने में सफल रहे।