उत्तराखंड

मंत्री गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग की अध्यक्षता में राज्य की चीनी मिलों के आगामी पेराई सत्र 2025-26 के शुभारम्भ हेतु बैठक आहूत की गयी।

मंत्री गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग की अध्यक्षता में राज्य की चीनी मिलों के आगामी पेराई सत्र 2025-26 के शुभारम्भ हेतु बैठक आहूत की गयी।

मंत्री गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग की अध्यक्षता में राज्य की चीनी मिलों के आगामी पेराई सत्र 2025-26 के शुभारम्भ हेतु बैठक आहूत की गयी।

उत्तराखंड (देहरादून) शनिवार, 25 अक्टूबर 2025

मंत्री गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग की अध्यक्षता में शुक्रवार की पूर्वान्ह सचिवालय परिसर स्थित एफआरडीसी सभागार में राज्य की चीनी मिलों के आगामी पेराई सत्र 2025-26 के शुभारम्भ हेतु बैठक आहूत की गयी, जिसमें अपर सचिव / प्रबन्ध निदेशक (गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग) प्रकाश चन्द्र दुम्का, आयुक्त (गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग) त्रिलोक सिंह मार्तोलिया, महाप्रबन्धक (उत्तराखण्ड शुगर्स) एवं समस्त चीनी मिलों के प्रधान प्रबन्धक / अधिशासी निदेशक व समस्त विभागाध्यक्षों द्वारा प्रतिभाग किया गया, जिसमें मंत्री सुबोध बहुगुणा द्वारा चीनी मिलों के उपस्थित अधिकारियों को समीक्षा बैठक में निम्नवत् निर्देश दिये गए।

चीनी मिलों के आगामी पेराई सत्र 2025-26 के शुभारम्भ हेतु दिनांक-31.10.2025 तक मरम्मत व रख-रखाव कार्य पूर्ण करते हुए नवम्बर, 2025 के प्रथम सप्ताह में नादेही एवं बाजपुर चीनी मिल एवं किच्छा एवं डोईवाला चीनी मिल का शुभारम्भ द्वितीय से तृतीय सप्ताह में सुनिश्चित किया जाय।

चीनी मिलों को आगामी पेराई सत्र 2025-26 में दिए गए लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु कार्य-योजना तैयार कर ली जाय।

चीनी मिलों की क्षमता के अनुसार गन्ने की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाय।

चीनी मिलों का मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य इस प्रकार किया जाय कि आगामी पेराई सत्र 2025-26 के दौरान तकनीकी/नो-केन बन्दियों का सामना न करना पड़े।

गतवर्ष 2024-25 के सापेक्ष इस पेराई सत्र 2025-26 में कम से कम 65 प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान चीनी मिलों द्वारा अपने संसाधनों से किया जाय, जिससे राज्य सरकार पर गन्ना मूल्य भुगतान की निर्भरता में कमी लायी जा सके।

चीनी मिलों में कृषकों के रहने, शौचालय, पेयजल एवं पंचर बनाने वाले आदि हेतु पूर्व में की गयी व्यवस्था अनिवार्य रूप से चीनी मिलों द्वारा समीक्षा कर ली जाय।

कृषकों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु गोष्ठियों आयोजित की जाय।

प्रदेश में संचालित कोल्हू के संबंध में एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाय।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button