सैकड़ों लोग एवं विपक्षी दलों और जन संगठनों के प्रस्तावित “एलिवेटेड रोड” परियोजना को रद्द किया जाये।
सैकड़ों लोग एवं विपक्षी दलों और जन संगठनों के प्रस्तावित "एलिवेटेड रोड" परियोजना को रद्द किया जाये।
सैकड़ों लोग एवं विपक्षी दलों और जन संगठनों के प्रस्तावित “एलिवेटेड रोड” परियोजना को रद्द किया जाये।
उत्तराखंड (देहरादून) मंगलवार, 04 फरवरी 2025
आज देहरादून के दीन दयाल पार्क में धरना देते हुए सैकड़ों लोग एवं विपक्षी दलों और जन संगठनों के प्रतिनिधि ने मांग की,किसी को बेघर न किया जाये, नफरती हिंसा एवं प्रचार पर क़ानूनी कार्यवाही हो, और निर्माण कर्मकार योजना पर अमल हो। साथ साथ में मांग उठाई कि प्रस्तावित “एलिवेटेड रोड” परियोजना को रद्द किया जाये क्योंकि उससे दसीयों हज़ार परिवार और पर्यावरण भी प्रभावित होगा।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के 16 दिसम्बर के आदेश के अनुसार सरकार के तीन साल के लिए बेदखली पर रोक लगाने वाले कानून की कोई मान्यता नहीं है और सरकार को रिस्पना नदी किनारे बसे दसियों हज़ारों परिवारों को बेघर करना होगा। धरने में वक्ताओं ने इस आदेश को जन विरोधी और विधि विरुद्ध कहते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने आज तक इसपर कोई भी कदम नहीं उठाया है। इसके आलावा उन्होंने कहा कि बीते आठ सालों से लगातार चंद संगठन राज्य में धर्म के आधार पर हिंसा करा रहे है, यहाँ तक कि अक्टूबर महीने में उत्तरकाशी में पुलिस पर उन्होंने पथराव भी किया – जिस घटना के लिए आज तक ज़िम्मेदार नेताओं पर FIR तक नहीं हुआ है। निकाय चुनाव के दौरान राज्य में नफरती भाषण लगातार दिया गया था। वक्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि पांच महीने से निर्माण मज़दूरों का पंजीकरण नहीं हो रहा है। इस वंचित तबके के हित में कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
ज्ञापन द्वारा प्रदर्शनकारियों ने मांग उठाया कि NGT में 13 फरवरी को होने वाली सुनवाई से पहले बेदखली का आदेश को रद्द कराने के लिए सरकार तुरंत क़ानूनी कदम उठा दे। “एलिवेटेड रोड” का प्रस्ताव को निरस्त कर सरकार जैम से असली राहत देने वाले कदमों जैसे ट्रैफिक सिग्नल, बसों की बढ़ोतरी, पार्किंग का सुधार इत्यादि पर कदम उठाये। नफरती हिंसा एवं प्रचार पर रोक लगा कर ज़िम्मेदार व्यक्तियों एवं संगठनों पर सरकार कार्यवाही करे। निर्माण कर्मकार योजना और अन्य मज़दूर एवं जनहित योजनाओं पर कार्यवाही को तुरंत शुरू किया जाये और सारे पात्र लोगों तक उनके हक़ पहुंचवाने के लिए कदम उठाया जाये।
धरना को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ SN सचान; कांग्रेस के प्रवक्ता और इंडिया गठबंधन के संयोजक शीशपाल बिष्ट; उत्तराखंड क्रांति दल के लताफत हुसैन; सर्वोदय मंडल के हरबीर सिंह कुशवाहा; क्रांतिकारी लोक अधिकारी के भोपाल; और चेतना आंदोलन के पप्पू, सुनीता देवी और प्रभु पंडित ने संबोधित किया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव शिव प्रसाद देवली, महानगर सचिव अनंत आकाश, सीटू के जिला सचिव लेखराज, प्रेमा, नरेंद्र, और चेतना आंदोलन के राजेंद्र शाह, विनोद बड़ौनी, रहमत, रामू सोनी, संजय, अशोक कुमार, अरुण, इरफान, मोहम्मद सर्वर इत्यादि प्रभावित लोगों के साथ कार्यक्रम में शामिल रहे।
सेवा में,
माननीय मुख्यमंत्री
उत्तराखंड सरकार
महोदय ,
हम आज अलग अलग विपक्षी दल एवं जन संगठन सैकड़ों मज़दूरों एवं आम लोगों के साथ इसलिए इकट्ठे हुए हैं क्योंकि सरकार की नीतियों से आम जनता और ख़ास तौर पर मज़दूर बर्ग के हक़ों का लगातार हनन हो रहा है। हम ख़ास तौर पर कुछ महत्वपूर्ण बातों को आपके संज्ञान में लाना चाह रहे हैं।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के 16 दिसम्बर के आदेश के अनुसार सरकार के तीन साल वाले क़ानूनी रोक की कोई मान्यता नहीं है और रिस्पना नदी किनारे बसे दसियों हज़ारों परिवारों को बेघर करना होगा। इस जन विरोधी और विधि विरुद्ध आदेश पर सरकार ने आज तक कोई भी कदम नहीं उठाया है। 13 फरवरी को होने वाली सुनवाई से पहले इस आदेश को रद्द कराने के लिए सरकार तुरंत कदम उठा दे।
देहरादून में प्रस्तावित “एलिवेटेड रोड” परियोजना से लाखों लोग और पर्यावरण भी प्रभावित होगा। इस विनाशकारी परियोजना का प्रस्ताव को निरस्त करते हुए सरकार को जैम से असली राहत देने वाले कदमों जैसे ट्रैफिक सिग्नल, बसों की बढ़ोतरी, पार्किंग का सुधार इत्यादि पर कदम उठाना चाहिए।
बीते आठ सालों से लगातार चंद संगठन राज्य में धर्म के आधार पर हिंसा करा रहे है, यहाँ तक कि अक्टूबर महीने में उत्तरकाशी में पुलिस पर उन्होंने पथराव भी किया – जिस घटना के लिए आज तक उनके नेताओं पर FIR तक नहीं हुआ है। इसके अतिरिक्त निकाय चुनाव के दौरान राज्य में लगातार अल्पसंख्यक लोगों एवं अन्य राज्यों के लोगों के खिलाफ नफरती भाषण दिया गया था। ऐसे आपराधिक कृत्यों पर रोक लगा कर ज़िम्मेदार व्यक्तियों एवं संगठनों पर सरकार कार्यवाही करे।
पांच महीने से निर्माण मज़दूरों का पंजीकरण नहीं हो रहा है। इस वंचित तबके के हित में कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इस महत्वपूर्ण योजना और अन्य इस मज़दूर एवं जनहित योजनाओं पर कार्यवाही को तुरंत शुरू किया जाये।