उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने मंत्री गणेश जोशी से नैतिकता के आधार पर माँगा इस्तीफा।
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने मंत्री गणेश जोशी से नैतिकता के आधार पर माँगा इस्तीफा।
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने मंत्री गणेश जोशी से नैतिकता के आधार पर माँगा इस्तीफा।
उत्तराखंड (देहरादून) वीरवार, 05 सितम्बर 2024
दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों की गणेश परिक्रमा और सीएम धामी के कार्यक्रमों में पुरजोश नज़र आने वाले कैबिनेट मंत्री अब विपक्ष के टारगेट पर है। वजह है कि आमदनी से ज्यादा संपत्ति जुटाने वाले मंत्री जी को अब कांग्रेस ने शर्म और पहाड़ी स्वभाव की याद दिलाते हुए इस्तीफा माँगा है। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड सरकार में मंत्री गणेश जोशी से नैतिकता के आधार पर तत्काल राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की मांग की है ।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि गणेश जोशी पर जिस तरह से आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे हैं, यह वक्त का तकाजा है कि वह इससे पहले की कोर्ट उनके बाबत कोई आदेश जारी करें ,वह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें और जब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए और वह बरी हो जाए तो उन्हें फिर अगर मुख्यमंत्री चाहे तो दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं।
धीरेंद्र ने कहा कि जिस तरह से गणेश जोशी दिल्ली और देहरादून के चारों तरफ घूमते दिखाई दे रहे हैं उससे लगता नहीं कि उनको आय से अधिक संपत्ति के मामले में किसी नैतिक दायित्व का कोई बोध है।उन्होंने कहा कि जब कोर्ट ही उनके खिलाफ कोई आदेश जारी कर देगा और तब वह इस्तीफा देंगे तो उसका कोई महत्व नहीं है । उन्होंने कहा वह तो मजबूरी का सौदा होगा।
उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की खामोशी को भी अपराध पूर्ण चुप्पी करार दिया और कहा कि मुख्यमंत्री को भी इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए और यदि उनके कहने से गणेश जोशी मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें मंत्रिमंडल से तब तक बर्खास्त रखना चाहिए जब तक कि वह आय से अधिक संपत्ति के मामले में बड़री नहीं हो जाते । धीरेंद्र प्रताप ने उम्मीद जाहिर की गणेश जोशी पहाड़ी नेता है और पहाड़ के लोगों में अक्सर शर्म पाई जाती है । गणेश जोशी आदर्श प्रस्तुत करेंगे और जब तक परी से बरी नहीं हो जाते तब तक मंत्री पद को त्यागने का काम करेंगे।