उत्तराखंड

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने केदारनाथ धाम में किए बाबा केदार के दर्शन ,रुद्राभिषेक पूजन कर मांगा राज्य के सतत विकास का आशीर्वाद।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने केदारनाथ धाम में किए बाबा केदार के दर्शन ,रुद्राभिषेक पूजन कर मांगा राज्य के सतत विकास का आशीर्वाद।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने केदारनाथ धाम में किए बाबा केदार के दर्शन ,रुद्राभिषेक पूजन कर मांगा राज्य के सतत विकास का आशीर्वाद।

उत्तराखंड (रुद्रप्रयाग) मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025

उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने आज श्री केदारनाथ धाम में बाबा केदारनाथ के दर्शन कर विशेष रुद्राभिषेक पूजन किया। उन्होंने विश्व कल्याण, मानवता की समृद्धि और राज्य के सतत विकास के लिए आशीर्वाद मांगा।

राज्यपाल ने मंदिर परिसर में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। अधिशासी अभियंता डी.डी.एम. विनय झिंकवाण ने बताया कि अधिकांश पुनर्निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं और शेष कार्य अंतिम चरण में हैं।मंदिर पहुंचने पर तीर्थ पुरोहित समाज ने पारंपरिक वेद मंत्रोच्चारण और पूजा-विधि के साथ राज्यपाल का स्वागत किया। भावनाओं से अभिभूत राज्यपाल ने कहा कि “केदारघाटी का प्रत्येक कण शिवमय है, यहां के पर्वतों में भगवान शिव की उपस्थिति का अनुभव होता है।” उन्होंने इस यात्रा को अत्यंत आध्यात्मिक अनुभव बताया।राज्यपाल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में यात्रा प्रबंधन और पुनर्निर्माण कार्यों में सराहनीय प्रगति हुई है।

उन्होंने जिला प्रशासन, मंदिर समिति, पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि “चारधाम यात्रा को सफल, सुरक्षित और श्रद्धालु-अनुकूल बनाने में सभी का योगदान प्रशंसनीय है।”अधिकारियों ने अवगत कराया कि तीर्थ पुरोहितों के लिए बनाए जा रहे भवनों का निर्माण लगभग पूर्ण है तथा भूमि और भवन आवंटन से जुड़े मुद्दों का भी समाधान कर लिया गया है।

इस पर राज्यपाल ने मंदिर समिति और जिला प्रशासन के समन्वित प्रयासों की सराहना की।राज्यपाल गुरमीत सिंह ने केदारनाथ में ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों व कर्मचारियों से भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि सभी विभाग मिलजुलकर यह सुनिश्चित करें कि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो, और सभी सेवाकर्मी निष्ठा एवं समर्पण भाव से कार्य करें।

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