उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दैवीय आपदा पीड़ितों को राहत पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दैवीय आपदा पीड़ितों को राहत पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दैवीय आपदा पीड़ितों को राहत पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

उत्तराखंड (देहरादून) रविवार,  26 अक्टूबर 2025

चमोली जिले के नंदानगर प्रखंड में बीती 17 सितम्बर रात को आई भीषण आपदा से प्रभावित धुर्मा, सेरा, कुंतरी, फ़ाली गांवों में हुई तबाही से पीड़ितों के पुनर्वास और क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण के मुद्दे पर श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शास्त्री और महामंत्री विश्वजीत सिंह नेगी के संयुक्त नेतृत्व में पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मुख्य सेवक सदन में सीएम पुष्कर सिंह धामी से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण के मुद्दे पर सीएम धामी का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि वहां जनजीवन को पटरी पर वापस लाने के लिए महती प्रयास की आवश्यकता है।

गौरतलब है कि 17 सितम्बर 2025 को धुर्मा गांव के ऊपर बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। लोगों के खेत खलिहान मोक्ष नदी की बाढ़ में बह गए थे, वहां कई आवासीय भवन, गौशाला बाढ़ की भेंट चढ़ गए थे जबकि खेत खलिहान, घराट , पनघट सब कुछ तबाह हो गया था। प्रशासन ने फौरी राहत पीड़ितों को पहुंचाई लेकिन पुनर्निर्माण का मसला अभी तक लंबित है। फ़ाली और कुंतरी गांवों में नौ लोग दब कर मर चुके हैं और कृषि भूमि के साथ अन्य परिसंपत्तियों को भी भारी नुकसान पहुंचा। सीएम धामी खुद आपदा पीड़ितों के आंसू पोंछने गए थे। तब उन्होंने स्वयं पीड़ितों को मदद पहुंचाई थी लेकिन प्रभावित लोगों की जिंदगी की अब शुरू हुई है। उनके खेत खलिहान सब बह गए थे। उनके पुनर्निर्माण की तात्कालिक और दीर्घकालीन आवश्यकता के मद्देनजर पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम धामी से आग्रह किया।

प्रतिमंडल ने सीएम से कहा कि मोक्ष नदी के जलप्रवाह तंत्र को पूर्ववत करने के लिए तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता है। धुर्मा और सेरा गांव में मोक्ष नदी के प्रवाह क्षेत्र को पूर्ववत किए जाने की जरूरत है। इस पर मुख्यमंत्री ने चमोली के जिलाधिकारी को तुरंत कार्य शुरू करवाने के निर्देश दिए। वर्ष 2023 में भी मोक्ष नदी ने रौद्र रूप दिखाते हुए सेरा गांव में तबाही मचाई थी। तब सिंचाई विभाग ने करीब पौने तीन करोड़ रुपए की लागत से तटबंध बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था किंतु उस प्रस्ताव की फाइल शासन में अटकी रही। पत्रकारों ने सीएम से आग्रह किया कि इस बार पिछली बार की तरह चूक न हो, लिहाजा सेरा गांव में मोक्ष नदी पर तटबंध (चेकडैम) का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए और प्रभावित गांवों में तबाह हुए खेत खलिहान और अन्य परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण को समय रहते किया जाए। श्री धामी ने भरोसा दिलाया कि दैवीय आपदा पीड़ितों के साथ मदद के लिए सरकार खड़ी है। उन्हें भरसक मदद दी जाएगी। क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण कार्य जल्द शुरू किए जाएंगे। प्रतिनिधिमंडल ने इस पर संतोष जताया।

प्रतिनिधिमंडल में दिनेश शास्त्री और विश्वजीत सिंह नेगी के साथ चमोली से महिपाल सिंह गुसाईं, डी. एस. बिष्ट, टिहरी प्रेस क्लब अध्यक्ष शशि भूषण भट्ट, महामंत्री गोविंद सिंह पुंडीर और अन्य लोग मौजूद थे।

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