उत्तराखंड

फिलीपींस मेडिकल एक्ट में संशोधन को संसद में मंजूरी के बाद भारतीय छात्रों के लिए मेडिकल प्रैक्टिस की राह आसान बनाई।

फिलीपींस मेडिकल एक्ट में संशोधन को संसद में मंजूरी के बाद भारतीय छात्रों के लिए मेडिकल प्रैक्टिस की राह आसान बनाई।

फिलीपींस मेडिकल एक्ट में संशोधन को संसद में मंजूरी के बाद भारतीय छात्रों के लिए मेडिकल प्रैक्टिस की राह आसान बनाई।

उत्तराखंड (देहरादून) वीरवार, 19 दिसंबर 2024

फिलीपींस सरकार ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए फिलीपींस मेडिकल एक्ट में संशोधन को संसद में मंजूरी दी है, और सरकार की ओर से तीसरी एवं अंतिम मंजूरी के बाद अब विदेशी छात्रों को भी फिलीपींस में चिकित्सक के तौर पर अपनी सेवाएँ देने का अवसर मिलेगा। भारतीय छात्रों के बीच अव्वल दर्जे की उच्च गुणवत्ता वाली मेडिकल शिक्षा की मांग लगातार बढ़ रही है, जिसे पूरा करने के साथ-साथ भारतीय छात्रों के लिए फिलीपींस में चिकित्सक के तौर पर अपनी सेवाएँ देने की राह आसान बनाने के लिए फिलीपींस में नया संशोधन, मेडिकल एक्ट पेश किया गया है। यह संशोधन किफायती लागत पर बेमिसाल गुणवत्ता वाली, और पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक भारतीय छात्रों के बढ़ते अरमानों को पूरा करता है।

हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स में भारी समर्थन (184-3-0) के साथ नया कानून पारित हुआ, जिसने दशकों पुराने 1959 के मेडिकल एक्ट की जगह ली है। इसमें मेडिकल एजुकेशन काउंसिल और प्रोफेशनल रेगुलेटरी बोर्ड ऑफ मेडिसिन के गठन सहित बड़े पैमाने पर बदलावों को शामिल किया गया है। इन संस्थानों का उद्देश्य शैक्षणिक मानकों को ऊँचा उठाना, नैतिक आचरण को बढ़ावा देना और यह सुनिश्चित करना है कि, फिलीपींस पूरी दुनिया में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बना रहे।

कई अन्य देशों के विपरीत, जो छात्रों को शिक्षा के अवसर तो देते हैं, लेकिन दूसरे देशों के ग्रेजुएट छात्रों के लिए प्रैक्टिस के अधिकार पर प्रतिबंध लगाते हैं, फिलीपींस का यह फैसला बड़े पैमाने पर बदलाव लाने वाला है। CHED से मान्यता प्राप्त कॉलेजों से ग्रेजुएट की डिग्री पाने वाले भारतीय छात्र, अब अपनी इंटर्नशिप पूरी करने के बाद फिलीपींस में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और चिकित्सक के तौर पर अपनी सेवाएँ दे सकते हैं। उनकी योग्यता भारतीय चिकित्सा आयोग के मानकों के अनुरूप होंगी, जिससे उनके लिए भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में प्रैक्टिस करने की राह आसान हो जाएगी।

बड़े पैमाने पर बदलाव लाने वाली इस पहल के बारे में बात करते हुए, ट्रांसवर्ल्ड एजुकेयर के मैनेजिंग डायरेक्टर और किंग्स इंटरनेशनल मेडिकल एकेडमी के निदेशक, श्री कैडविन पिल्लई ने कहा, “यह सुधार न केवल फिलीपींस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि इससे यह भी जाहिर होता है कि हम भारत के साथ अपने शैक्षिक संबंधों को मजबूत बनाने के अपने संकल्प पर कायम हैं। यह फिलीपींस को मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में एशिया के अग्रणी केंद्र के रूप में स्थान दिलाता है, साथ ही छात्रों को पूरी दुनिया में बेहद सक्षम डॉक्टर बनने का बेमिसाल अवसर भी उपलब्ध कराता है।

बीते वर्षों में, फिलीपींस मेडिकल की पढ़ाई के लिए, खासकर भारतीय छात्रों के लिए सबसे बेहतर डेस्टिनेशन के तौर पर उभर कर सामने आया है। इस देश में अंग्रेजी माध्यम में दी जाने वाली शिक्षा, अमेरिका के अनुरूप पाठ्यक्रम और बेहद सस्ती ट्यूशन फीस की वजह से हर साल हजारों छात्र यहाँ पढ़ाई के लिए आते हैं। फिलीपींस अपने 64 मान्यता प्राप्त मेडिकल स्कूलों और पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त रेजीडेंसी प्रोग्राम्स के साथ अव्वल दर्जे की गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करता है, जो बेहद किफायती भी है।

वर्तमान में, हर साल लगभग 2,000 भारतीय छात्र अपनी मेडिकल की पढ़ाई के लिए फिलीपींस को चुनते हैं। किफायती शिक्षा, रहन-सहन पर बेहद कम खर्च और सांस्कृतिक रूप से अनुकूल माहौल जैसी सुविधाओं की वजह से, यह देश अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए विश्व स्तरीय अवसरों की तलाश करने वाले भारतीय परिवारों के लिए बेहद आकर्षक विकल्प बन गया है।

फिलीपींस मेडिकल एक्ट इस बात को उजागर करता है कि, भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करते हुए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर्स को तैयार करना ही इस देश का विज़न है। मेडिकल की पढ़ाई और एक प्रोफेशनल के तौर पर काम करने के अवसरों को साथ जोड़कर, फिलीपींस छात्रों को सक्षम बनाने के साथ-साथ विश्व स्तर पर स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों के समाधान की दिशा में साहसिक कदम भी उठा रहा है। यह ऐतिहासिक सुधार मेडिकल की शिक्षा और प्रैक्टिस के भविष्य पर अपनी अमिट छाप छोड़ने के लिए तैयार है।

Team UK News

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