उत्तराखंड

छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में यू. टी. यु. सॉफ्टवेयर घोटाले में तकनीकी शिक्षा सचिव को घूस देने की पेशकश को लेकर छात्र सड़को पर आंदोलनरत।

छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में यू. टी. यु. सॉफ्टवेयर घोटाले में तकनीकी शिक्षा सचिव को घूस देने की पेशकश को लेकर छात्र सड़को पर आंदोलनरत।

छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में यू. टी. यु. सॉफ्टवेयर घोटाले में तकनीकी शिक्षा सचिव को घूस देने की पेशकश को लेकर छात्र सड़को पर आंदोलनरत।

उत्तराखंड (देहरादून) वीरवार, 27 मार्च 2025

वीर माधो सिंह भडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्विद्यालय में चल रहे फ़र्ज़ी डिग्री जाँच प्रकरण, भ्रस्टाचार, वित्तीय अनिमिताओ की शिकायतो को लेकर डी.ए.वी. छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में छात्र पिछले एक माह से छात्र सड़को पर आंदोलनरत है।

शासन की जाँच समिति द्वारा कुलपति डॉ. ओंकार यादव द्वारा उनके गृह क्षेत्र के निकट सम्बन्धी की इ.आर.पी. कंपनी को करोडो रु दिलवाने में सांठ गांठ एवं मिली भगत की पुष्टि के तुरंत बाद से डॉ. ओंकार यादव खुल कर अपने इ.आर.पी. के साथ खड़े हो गए है। डॉ. ओंकार यादव ने मीडिया के सामने आकर स्वयं कहा है कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट घोटाला प्रक्रिया में शासन के प्रतिनिधि की भी हर स्तर पर पूर्ण सहभागिता रही थी। ऐसे में केवल अकेले उन पर आरोप ठीक नहीं है।

वे निशुल्क समर्थ पोर्टल लागु करने या अपने गृह जनपद के निकट सम्बन्धी की इ.आर.पी. कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने का शासन का कोई आदेश नहीं मानेंगे।

छात्रों ने विवादित सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा घोटाले को रफा दफा करने के एवज में तकनीकी शिक्षा सचिव को घूस देने की पेशकश करने के प्रयास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री से कुलपति डॉ. ओंकार यादव के व्यक्तिगत ताल्लुक होने एवं उनके रिस्तेदार को विश्वविद्यालय के हॉस्टल निर्माण का काम देने के आरोप को अत्यंत खेद जनक बताया।

सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि आज उत्तराखंड तकनीकी विश्विद्यालय का परीक्षा सिस्टम पूरी तरह से चरमरा गया है एवं छात्र अपने भविस्य को लेकर अत्यंत चिंतित है। परीक्षा हुए दो माह सेअधिक हो गए है परन्तु रिजल्ट का अभी भी कुछ अता पता नहीं है। शिक्षकों को उनके पिछले मूल्याङ्कन का भी पारिश्रमिक नहीं दिया गया है जिस वजह से ज्यादातर शिक्षक मूल्यांकन में कोई रूचि नहीं ले रहे है। परीक्षा नियन्त्रक डॉ. वी. के. पटेल प्रतिदिन कॉलेजो को डरा धमका कर बिना पिछले मूल्याङ्कन का पारिश्रमिक भुगतान किये ही शिक्षकों पर दबाव बनाने के नोटिस जारी कर रहे है जिसका शिक्षक अब खुलकर हर प्लेटफार्म पर विरोध कर रहे है एवं मूल्याङ्कन नहीं कर रहे है। इस गतिरोध की जानकारी अब काफी छात्रों को भी हो गयी है। जिससे वे मानसिक दबाव में है।

उन्होंने कहा यू. टी. यु. सॉफ्टवेयर घोटाले में तकनीकी शिक्षा सचिव को घूस देने की पेशकश एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री की चुप्पी उत्तराखंड के शहीदो का अपमान है।

उन्होने तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुबोध उनियाल जी से तुरंत चुप्पी तोड़कर शासन की जाँच समिति की रिपोर्ट के आधार पर कुलपति डॉ. ओमकार सिंह एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. वी. के पटेल को तुरंत बर्ख़ास्त करने, रिपोर्ट में उल्लेखित विश्विद्यालय के 6 करोडो रु की रिकवरी हेतु संलिप्त अधिकारिओ के विरुद्ध इ.डी की मदद लेने एवं वर्तमान में गलत तरीके से चल रहे घर बैठे ऑनलाइन मूल्याङ्कन को तुरंत बंद करके गोपनीय रूप से मूल्याङ्कन केन्द्रो पर मूल्याङ्कन दिन में पूर्ण गोपनीय एवं पारदर्शी तरीके से करने की मांग की।

विश्विद्यालय द्वारा लगभग 80 एम.बी.ए. छात्रों की डिग्री चोरी छिपे वापस मंगवाई गयी है। इनमे से कुछ छात्र आरोप लगा रहे है कि अब उनकी डिवीज़न बदलने के एवज में लखनऊ से कोई आदमी उन्हें फ़ोन कर रहा है । इस बारे में स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए कि क्या अंदर खाने डिवीज़न बदलने की कोई चाल चली जा रही है।

वर्तमान इ.आर.पी. लागु होने के बाद से काफी छात्र बैक पेपर समय से नहीं भर पाए एवं अब डिग्री पूरा करने का समय भी पूरा हो गया है।सार्वजनिक नोटिस निकाल कर विश्विद्यालय ऐसे सभी छात्रों को एक वर्ष का विशेष अतिरिक्त समय डिग्री पूरा करने को दे एवं उनको आगामी एक वर्ष तक होने वाली सभी बैक परीक्षाओ में सम्मलित करने का विशेष अवसर दे।

यदि माननीय मंत्री सुबोध उनियाल जी छात्रों के भविष्य के साथ लगातार हो रहे खुले खिलवाड़ एवं करोडो रुपए के सॉफ्टवेयर घोटाले पर अभी भी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ते तो उपरोक्त प्रकरण में तकनीकी शिक्षा मंत्रालय की भी मिली भगत एवं अंदर खाने सह होने का गलत सन्देश छात्र एवं अभिभावकों में जा सकता है। क्योंकि जिस तरह से डॉ. ओंकार यादव खुलम खुला शासन एवं सरकार के आदेशो की प्रतिदिन अवहेलना कर रहे हैं एवं शासन की समिति में अपने ऊपर लगे आरोपों को विश्विद्यालय के अन्य कार्मिको के ऊपर लगाने का निरंतर प्रयास कर रहे है। गंभीर जाँच चलने के बावजूद वित्त समिति, परीक्षा समिति आदि से अपने प्रभाव से विवादित सॉफ्टवेयर कंपनी के पक्ष में अभी भी आदेश जारी करवा रहे है ! वो बिना मन्त्री जी की अंदर खाने सह के बिना संभव नहीं लगता है।

सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखण्ड के छात्रों के भविष्य से बिलकुल भी खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा। न ही उत्तराखंड के शहीदो का अपमान होने दिया जायेगा।

यदि तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुबोध उनियाल जी शीघ ही सॉफ्टवेयर घोटाले पर उत्तराखंड शासन की जाँच रिपोर्ट को जल्दी पुर्णतः लागु नहीं करवाते तो छात्रों के पास उनका पुतला फुकने, घेराव करने, इस्तीफा माँगने एवं सचिवालय कूच जैसे विकल्पों के शिवाय कोई उपाय नहीं बचेगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी।

Team UK News

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