मुमकिन है डिवेलपमेंट फाउंडेशन की निदेशक श्रीमती प्रगति सडाना के नेतृत्व में, शेरपुर गांव में विशेष जनजातीय कल्याण अभियान शुरू करने जा रही है।
मुमकिन है डिवेलपमेंट फाउंडेशन की निदेशक श्रीमती प्रगति सडाना के नेतृत्व में, शेरपुर गांव में विशेष जनजातीय कल्याण अभियान शुरू करने जा रही है।

मुमकिन है डिवेलपमेंट फाउंडेशन की निदेशक श्रीमती प्रगति सडाना के नेतृत्व में, शेरपुर गांव में विशेष जनजातीय कल्याण अभियान शुरू करने जा रही है।
उत्तराखंड (देहरादून) देहरादून, 12 सोमवार 2025
जनजातीय सशक्तिकरण और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुमकिन है डिवेलपमेंट फाउंडेशन, अपनी निदेशक श्रीमती प्रगति सडाना के नेतृत्व में, शेरपुर गांव (शीशम बाड़ा के पास) में एक विशेष जनजातीय कल्याण अभियान शुरू करने जा रही है। यह अभियान ONGC के CSR सहयोग से संचालित किया जाएगा।
यह पहल जनजातीय अनुसंधान संस्थान और जिला समाज कल्याण विभाग की स्वीकृति और सहयोग के साथ चलाई जाएगी, जिससे यह सुनियोजित और स्थायी रूप से समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेगा।
इस अभियान की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा घोषित जनजातीय गौरव वर्ष और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में की जा रही है। बिरसा मुंडा भारतीय जनजातीय समाज के महान स्वतंत्रता सेनानी और गौरव का प्रतीक हैं।
अप्रैल से नवंबर 2025 तक चलने वाले इस अभियान के अंतर्गत निम्नलिखित कार्यक्रम शामिल हैं:
1. आजीविका और उद्यमिता को लेकर जागरूकता कार्यक्रम
2. सिकल सेल एनीमिया व अन्य स्वास्थ्य समस्याओं पर जनजागरूकता अभियान
3. पारंपरिक आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा शिविर
4. स्वच्छता, मासिक धर्म स्वच्छता और कुपोषण पर सामुदायिक सत्र
5. जनजातीय स्कूल के छात्रों को पोषण किट वितरण
6. जनजातीय महिलाओं और किशोरियों को सैनिटरी पैड वितरण
7. “कला, संस्कृति और विरासत” विषय पर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित चित्रकला प्रतियोगिता
श्रीमती प्रगति सडाना, निदेशक, मुमकिन है डिवेलपमेंट फाउंडेशन ने कहा कि यह पहल केवल कार्यक्रमों की एक श्रृंखला नहीं है, बल्कि जनजातीय परिवारों को सम्मान, स्वास्थ्य और अवसर लौटाने की हमारी प्रतिबद्धता है। ओएनजीसी, जनजातीय अनुसंधान संस्थान और जिला समाज कल्याण विभाग के सहयोग से हम शेरपुर गांव में स्थायी बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं।
यह अभियान न केवल स्वास्थ्य और आजीविका की तत्काल ज़रूरतों को संबोधित करता है, बल्कि भारत के जनजातीय समुदायों की आत्मा, इतिहास और विरासत का भी उत्सव मनाता है।